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हिमाचल में जंगल दहके, लोग सहमे

हिमाचल में सूरज की तपिश से पहाड़ ही नहीं, जंगल भी तप गए हैं। प्रदेश म आग से जंगलों में काफी नुकसान हुआ है।

By Edited By: Published: Wed, 23 May 2018 08:36 PM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 10:15 AM (IST)
हिमाचल में जंगल दहके, लोग सहमे
हिमाचल में जंगल दहके, लोग सहमे

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल में सूरज की तपिश से पहाड़ ही नहीं, जंगल भी तप गए हैं। प्रदेश में दो महीनों से भी कम समय में 2300 हेक्टेयर जंगल राख हो गए हैं। हालांकि ये आंकड़े 18 मई तक के हैं। इसके बाद आग की घटनाओं में पहले से वृद्धि हई है। सेटेलाइट रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को प्रदेश के 10 से अधिक वनमंडलों में 139 जगह आग लगी। हालांकि 50 मिनट के अंतराल में इनमें से 95 जगह आग पर काबू पा लिया गया।

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प्रदेश के जंगलों में आग लगने से उनके आसपास रहने वाले लोग सहम गए हैं। बुधवार दोपहर बाद तीन बजे की रिपोर्ट में 139 जगह आग लगी थी। इसके बाद तीन बजकर पचास मिनट पर दूसरी रिपोर्ट में यह आग 44 जगह रह गई। इस महीने 18 मई तक प्रदेश में 332 जगह आग लगी जिससे करीब 32 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान आंका गया। जंगलों में सबसे ज्यादा नुकसान नई पौध को पहुंचा है। 770 हेक्टेयर भूमि में नई पौध जल गई है। खैर जैसे कई पौधे ऐसे होते हैं जो बरसात में फिर जीवित हो जाते हैं। वहीं, कई पौधे नाजुक होते हैं जो आग सहन नहीं कर पाते हैं।

प्री वार्निंग से मिला लाभ

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से लागू किए गए प्री वार्निग सिस्टम से वन विभाग को फायदा हो रहा है। यह वार्निग पूरे सप्ताह के लिए लागू रहती है। इस सप्ताह के लिए पिछले शुक्रवार को वार्निग आई थी। इसके अनुसार प्रदेश में 19 रेंजों को आग के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील बनाया गया था। इससे विभाग पूरी तरह अलर्ट रहता है।

वन्य प्राणियों को खतरा

आग की घटनाओं से वन्य प्राणियों को खतरा पैदा हो गया है। आग लगने से कई जानवरों की मौत हो जाती है और कइयों को दूसरी जगह शरण लेनी होती है। इससे इन वन्य प्राणियों पर शिकारियों की भी नजर लगी रहती है।

परौर के जंगल में आग

दो दिन से भीषण गर्मी के साथ पालमपुर उपमंडल के जंगल भी आग से सुलग रहे हैं। परौर स्थित गढ़ माता मंदिर के साथ सटे जंगल में दो दिन से भीषण आग लगी है और इससे मंदिर को भी खतरा पैदा हो गया है। हालांकि विभागीय कर्मचारी आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे भी बेबस नजर आ रहे हैं।

पालमपुर उपमंडल में मई में ही 72 अग्निकांड हो चुके हैं। इससे 361 हेक्टयेर वन क्षेत्र और 53.5 हेक्टेयर में नए पौधे प्रभावित हुए हैं। इससे विभाग को 3.75 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा मार्च में भी दो जगह आग लगी थी। इससे 11 हेक्टेयर एरिया प्रभावित हुआ तो 53 हजार का नुकसान हुआ है। अप्रैल में 18 हेक्टेयर क्षेत्र में आग लगी और 97 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। अधिकारियों की मानें तो पालमपुर मंडल के तहत 15 ब्लॉकों में चार गार्डों और चार ही कर्मचारियों की तैनाती की है। इस संबंध में विभाग ने नंबर भी जारी किए हैं, ताकि आग की सूचना जल्द मिल सके। हालांकि कई बार एक साथ अलग-अलग जगह आग लगने से दिक्कत आ रही है और लोगों का सहयोग भी विभागीय अधिकारियों को नहीं मिल रहा है।


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