जयराम सरकार ने खत्म किया पीटीए शिक्षकों का वनवास
हिमाचल में पीटीए एवं अनुबंध शिक्षक संघ को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से पक्का आश्वासन मिला है कि लेफ्टआउट पीटीए शिक्षकों को भी यही अनुबंध की तर्ज पर नियमित स्केल दिया जाएगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। जयराम सरकार ने पीटीए शिक्षकों का वनवास खत्म कर दिया है। इन शिक्षकों के मुताबिक जो कार्य पूर्व वीरभद्र सरकार पांच साल नहीं कर पाई, वह जयराम सरकार ने दूसरे ही बजट भाषण में कर दिखाया है। इससे करीब सात हजार परिवारों में दीवाली जैसा माहौल है। पीटीए एवं अनुबंध शिक्षक संघ को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से पक्का आश्वासन मिला है कि लेफ्टआउट पीटीए शिक्षकों को भी यही अनुबंध की तर्ज पर नियमित स्केल दिया जाएगा। हालांकि बजट में अनुबंध शब्द से करीब 1500 शिक्षक मायूस हो गए थे।
संघ ने शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मुलाकात की और यह मामला प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने तर्क दिया था कि पीटीए पर कार्यरत शिक्षक भी अनुबंध के बराबर ही वेतनमान ले रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी अनुबंध की तरह ही नए घोषित लाभ दिए जाएं। गौरतलब है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में दोनों शिक्षक 2006 की पीटीए नीति के तहत भर्ती हुए थे। तब सरकार उन्हें मामूली ग्रांट देती थी। कई शिक्षक तो ऐसे हैं, जो इस नीति से पूर्व भी स्कूलों में सेवाएं दे रहे थे। उस वक्त बिना ग्रांट के कार्य किया। कांग्रेस ने की सियासत शिक्षकों का मानना है कि कांग्रेस ने उनके साथ केवल सियासत की। पूर्व सरकार के कार्यकाल में शिक्षक हाईकोर्ट से केस जीत गए थे।
तत्कालीन सरकार चाहती तो उन्हें पैरा शिक्षकों की तरह एकमुश्त नियमित कर सकती थी। उन्हें दस साल के सेवाकाल पूरा होने के बाद नियमित किया था। वहीं पीटीए की सेवाएं पहले आठ साल और बाद में सात साल के सेवाकाल के बाद भी नियमित की बजाय अनुबंध पर ली गई। 99 पैरा शिक्षकों को भी लाभ करीब अढ़ाई हजार पैरा शिक्षक नियमित कर दिए और केवल 99 रह गए। इस बीच पीटीए, पैरा व पैट का केस सुप्रीमकोर्ट पहुंचा। तब से ये भी नियमित नहीं हो पाए। अब इन्हें भी नियमित शिक्षकों के बराबर वित्तीय लाभ मिल सकेंगे। पीटीए शिक्षकों को वित्तीय लाभ देने के लिए कोई भी कानूनी बंदिश नहीं है।
इस संबंध में सुप्रीमकोर्ट ने भी कोई दिशानिर्देश नहीं दिए हैं। ऐसे में सरकार इन शिक्षकों को नियमित के बराबर वित्तीय लाभ दे सकती है। डॉ. श्रीकांत बाल्दी, एसीएस पीटीए शिक्षक अरसे से कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। सुप्रीमकोर्ट की कानूनी अड़चन के कारण इन्हें नियमित नहीं किया जा सकता है। इस कारण सरकार इन्हें वही वित्तीय लाभ देगी, जो नियमित शिक्षक को मिल रहे हैं। सरकार ने इनके प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है। जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार ने हमें सबसे बड़ा तोहफा दिया है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, एसीएस शिक्षा के आभारी हैं। सरकार ने सात हजार परिवारों की रोजी-रोटी की चिंता की है।
अमित मुखिया, प्रदेश उपाध्यक्ष, पीटीए शिक्षक संघ