महिला शिक्षक ने प्रिंसिपल पर लगाये ये गंभीर आरोप कहा, विद्यार्थियों के सामने करता है ये अभद्रता
महिला शिक्षक ने आरोप लगाया है कि स्कूल का प्रिंसपिल अप्रैल 2018 से उसका शारिरिक व मानसिक शोषण कर रहा है और नियमों से अधिक काम उससे लिया जा रहा है।
शिमला/घुमारवीं, जेएनएन। बिलासपुर जिला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल (बाल) घुमारवीं की एक महिला शिक्षक ने प्रिंसिपल पर मानसिक व शरीरिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। शिक्षिका ने इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्य महिला आयोग से शिकायत की है। उन्होंने प्रिंसिपल के खिलाफ जांच करवाकर कार्रवाई करने की मांग की है।
शिक्षिका ने शिकायत में आरोप लगाया कि उसके स्कूल के प्रिंसिपल अप्रैल 2018 से उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्हें तय नियमों से अधिक काम दिया गया है। वह भाषा अध्यापक हैं जबकि उन्हें साइंस विषय पढ़ाने के लिए दिया जा रहा है। उनके अपने सब्जेक्ट के नतीजे मेरिट में रहे हैं। जब भी उन्हें विभिन्न विभागों की ओर से होने वाले साहित्य से जुड़े कार्यक्रमों में शिरकत करनी होती है
तो प्रिंसिपल उन्हें वहां जाने से मना कर देते हैं। शिक्षिका का आरोप है कि गत दिनों प्रिंसिपल कक्षा में आकर विद्यार्थियों के सामने अभद्र शब्द कहकर उन्हें प्रताड़ित करने लगे। उन्हें ऐसा करने से रोकने पर उन्होंने विद्यार्थियों के सामने धमकाया। शिक्षिका ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने उन्हें स्कूल के अध्यापक कक्ष में भी धमकाया और उनके व्यक्तिगत जीवन पर टिप्पणी की। इस कारण डर के मारे वह चक्कर खाकर गिर गईं लेकिन किसी ने उन्हें नहीं उठाया। बाद में उन्होंने रिश्तेदार को फोन किया जिन्होंने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। शिक्षिका ने महिला आयोग से गुहार लगाई है कि मामले की सही जांच की जाए।
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नियमों के तहत अध्यापिका को सौंपा है काम : प्रधानाचार्य
प्रधानाचार्य जोगिंद्र सिंह राव ने भाषा अध्यापिका के आरोपों को निराधार बताया। विभाग के नियमों के तहत अध्यापिका को काम दिया है। जब भी अध्यापिका ने किसी सरकारी कार्यक्रम में शिरकत के लिए आवेदन किया है तो उसे भेजा है। इसका उनके पास रिकॉर्ड है। बुधवार सुबह करीब साढे़ 10 बजे उनके कार्यालय में करियर काउंसलिंग संस्थान के प्रतिनिधि आए थे। उन्होंने कहा जो बच्चे प्रतिभाशाली हैं उन्हें करियर काउंसलिंग के लिए बुलाया जाए। इसके लिए उन्होंने सभी शिक्षकों को बच्चों को भेजने के लिए चपरासी भेजा। सभी अध्यापकों ने बच्चे भेज दिए लेकिन अध्यापिका ने नहीं भेजे। वह अध्यापिका की कक्षा में गए और उसे बच्चों को भेजने के लिए कहा तो उसने इन्कार कर दिया। वह पुस्तक को फेंक कर चली गई। यह सीसीटीवी में कैद है। अध्यापिका कक्षा व प्रार्थना सभा में मोबाइल फोन सुनती है। 22 अगस्त को फेयरवेल पार्टी में अध्यापिका ने भाषण में कहा था कि उन्होंने प्रधानाचार्य से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने सरकार से मामले की जांच करवाने की मांग की है।
प्रिंसिपल को जल्द भेजा जाएगा समन
आयोग के पास शिक्षिका की शिकायत आई है। मामले की जांच की जाएगी। प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जल्द समन भेजा जाएगा।
-डेजी ठाकुर, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग।