आइडी भंडारी के आरोपों की जांच के लिए एफआइआर दर्ज
हिमाचल के बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में आरोपित पूर्व डीजीपी आइडी भंडारी के आरोपों की चांज के लिए मामला दर्ज किया गया है।
शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल के बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में आरोपित पूर्व डीजीपी आइडी भंडारी को कोर्ट से राहत मिलने के बाद छोटा शिमला थाने में एफआइआर दर्ज हुई है। भंडारी के आरोपों की जांच के लिए कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है। वर्ष 2012 में वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक दिन पहले सीआइडी मुख्यालय में तत्कालीन मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीआइजी स्तर के अधिकारियों ने अवैध रूप से दबिश दी थी। उस समय भंडारी सीआइडी के प्रमुख थे।
भंडारी ने आरोप लगाया कि अवैध तरीके से फोन टैप हुए थे। फोन टैपिंग की कुछ सीडी तोड़ी गई थीं। भंडारी ने कोर्ट से राहत मिलने के बाद कहा था कि इस संबंध में कई बार तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को अवगत करवाया कि फोन टैपिंग की प्रक्रिया वैधानिक व नियमसंगत तरीके से होती है। अवैध तरीके से 1400 फोन टैपिंग की बात झूठी साबित हुई। केवल दो फोन टैप हुए जिनमें एक तिब्बती नागरिक व दूसरा किसी सब्जी वाले का था। भंडारी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर उन पर केस बनाए गए और उन्हें अकेले आरोपी बनाया गया।
उन्होंने खुद को इस मामले से अलग करने के लिए निचली अदालत में याचिका दी थी। निचली अदालत ने कहा कि मामला झूठा है और 25 मई 2016 को उन्हें बरी किया। इसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने उनके खिलाफ सेशन कोर्ट में केस किया। 20 नवंबर 2017 को कोर्ट का फैसला उनके हक में आया था। इसी को आधार बनाकर कोर्ट के आदेश पर अब मामला दर्ज किया गया है।
शिमला के पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने बताया कि दो माह पूर्व भी पूर्व डीजीपी शिकायत लेकर आए थे लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया था। अब कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया है।