कर में मिले छूट तो चल निकले होटल व्यवसाय
हिमाचल के होटल कारोबारियों का कहना है कि प्रदेश में सैलानी को
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल के होटल कारोबारियों का कहना है कि प्रदेश में सैलानी को काफी संख्या में आते हैं, लेकिन रुकते एक से दो दिन ही हैं। ऐसे में सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही कोरोना संकट की मार झेल रहे इस व्यवसाय को करों में विशेष छूट की जरूरत हैं। मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर एसोसिएशन की बैठक में कुछ ऐसे विचार सामने आए।
वित्त विभाग की ओर से हिमाचल की अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में बजट प्रावधान करने के लिए प्रतिनिधिमंडलों को सचिवालय बुलाया जा रहा है। इसके तहत पर्यटन क्षेत्र से सुझाव लेने के लिए शिमला, मनाली और कांगड़ा से होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि सचिवालय पहुंचे। टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिदर सेठ ने कहा कि कोरोनाकाल में समूची पर्यटन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। पर्यटन राज्य में इस क्षेत्र को दोबारा खड़ा करने के लिए सरकार की मदद की जरूरत है।
उन्होंने चिता जताई कि पर्यटक तो प्रदेश की सैरगाहों में आ रहे हैं मगर उनके ठहरने की अवधि एक-दो दिन रहती है। ऐसे में होटल इंडस्ट्री को कोई बड़ा लाभ नहीं होता है। कोरोनाकाल के दौरान सात माह तक होटल व दूसरे संस्थान बंद रहने से यह व्यवसाय मुश्किल दौर में है। कारोबारियों के लिए रोजाना का खर्च निकालना संभव नहीं हो रहा है। ऐसे में सभी पर्यटन स्थलों का प्रचार करने की जरूरत है। हालत यह हो चुकी है कि शिमला घूमने के लिए आने वाले पर्यटक कुफरी, नालदेहरा, मालरोड, रिज घूमने के बाद पूछते हैं कि और क्या है देखने लायक? इसलिए अगले साल के बजट में जिला पर्यटन विकास अधिकारियों के लिए विशेष बजट प्रावधान किया जाना चाहिए।
दूसरा सुझाव यह आया कि एक साल तक होटल उद्योग को विशेष पैकेज को दिया जाए। इसके तहत पानी, बिजली, संपत्ति कर और कूड़ा कर से मुक्त किया जाए। सात माह से बंद होटलों को हर प्रकार के कर से मुक्त किया जाए, ताकि उनका कारोबार फिर से पटरी पर लौट सके। शिमला में पर्यटकों को एक दिन ठहराने के लिए वर्ल्ड हैरिटेज ट्रेन से सुंदर स्थलों की सैर करवानी चाहिए। इस अवसर पर मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर और धर्मशाला होटल एसोसिएशन से दो पदाधिकारी भी मौजूद रहे।