Move to Jagran APP

बजट से उम्मीदें: कर्मियों को आस, बजट में तोहफे मिलेंगे खास

हिमाचल में नियमित, अनुबंध, अस्थायी व आउटसोर्स कर्मचारियों को बजट से उम्मीद है कि उन्हें नया वेतनमान केंद्रीय आधार पर दिया जाए।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 08:44 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 08:44 AM (IST)
बजट से उम्मीदें: कर्मियों को आस, बजट में तोहफे मिलेंगे खास
बजट से उम्मीदें: कर्मियों को आस, बजट में तोहफे मिलेंगे खास

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के तीन लाख से अधिक नियमित, अनुबंध, अस्थायी व आउटसोर्स कर्मचारियों को बजट से खास उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि बजट में खास तोहफे दिए जाएंगे। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें नया वेतनमान केंद्रीय आधार पर दिया जाए। वेतनमान को लेकर राज्य पंजाब सरकार के साथ जुड़ा हुआ है। वहां आयोग की सिफारिशें आने और इन्हें लागू होने में काफी समय लगेगा। इस कारण पहाड़ी प्रदेश के सरकारी कर्मियों के सब्र का बांध टूट रहा है।

loksabha election banner

कर्मचारी राज्य सरकार के नौ फरवरी को पेश होने वाले बजट से आस लगाए बैठे हैं कि उस दिन जरूर नई घोषणा होगी। वे अलग वेतन आयोग गठित करने का भी आग्रह कर रहे हैं। टाइम स्केल के मामले अब तक अनसुलझे हैं। पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर कर्मचारी आंदोलित हैं। केंद्र ने अंतरिम बजट में कामगारों को भी पेंशन देने की व्यवस्था की है। ऐसे में नियमित कर्मी पुरानी पेंशन से कैसे वंचित रहेंगे? इस सवाल को प्रदेशभर में उठाया जाने लगा है।

वर्ष 2003 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन प्रणाली लागू की गई है। कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं। अनुबंध कर्मी चाहते हैं कि तीन साल का नियमितीकरण समय घटाकर दो साल किया जाए। क्लर्कों को नियमित होने के बाद भी आर्थिक लाभ पूरी तरह नहीं मिल पाते हैं। इन पर लगा दो साल का राइडर हटा दिया जाए। दिहाड़ीदारों की मांग है कि उनके नियमितीकरण की अवधि पांच से तीन साल की जाए।

कर्मियों को आस, बजट में तोहफे मिलेंगे खास

पैरवी केंद्रीय आधार पर मिले नया वेतनमान, अलग वेतन आयोग व पुरानी पेंशन बहाल की मांग क्लर्कों के नियमितीकरण पर दो साल का राइडर हटे, अनुबंध कर्मी दो साल, दिहाड़ीदार तीन साल में नियमित हों बजट से उम्मीदें कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल हो। सेवानिवृत्ति आयु सभी के लिए एक समान 60 साल करें।

अनुबंध कर्मी दो साल में नियमित किए जाएं। विभागों में रिक्त हजारों पदों को भरा जाए।

-एसएस जोगटा, कर्मचारी नेता


बड़े प्रावधान होने की उम्मीद

बजट में नया वेतनमान दिया जाए। इसे केंद्रीय आधार पर लागू किया जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों को आर्थिक लाभ दिए जाएं। दिहाड़ीदारों को तीन साल में नियमित करें। अनुबंध कर्मियों को दो साल में ही नियमित किया जाए। उम्मीद है कि भाजपा सरकार बजट में बड़े प्रावधान करेगी।

-विनोद कुमार, संयोजक, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की तदर्थ कमेटी

हिमाचल के लिए अलग वेतन आयोग गठित किया जाए। पंजाब हर बार देर से सिफारिशें लागू करता है।

इसका खामियाजा हिमाचल के कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है। अनुबंध कर्मी दो साल में नियमित हों और क्लर्कों के नियमितीकरण पर लगा दो साल का राइडर हटा दिया जाए। आउटसोर्स कर्मियों का कंपनी के जरिये शोषण बंद हो और उन्हें अनुबंध पर लाया जाए। 

अश्वनी ठाकुर, नेता, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.