पूछते थे अटल..अश्वनी खांडा तो नहीं है न आसपास
कार्यकर्ता खांडा ने किसी बात पर हंसते हुए अटल की पीठ पर दे मारा था हाथ भारत-पाक समझ
कार्यकर्ता खांडा ने किसी बात पर हंसते हुए अटल की पीठ पर दे मारा था हाथ भारत-पाक समझौते के विरोध में नाज पर किया था प्रदर्शन
अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 1969 में आए थे शिमला राज्य ब्यूरो, शिमला : अटल बिहारी वाजपेयी भारत-पाक में समझौते के खिलाफ थे। शिमला के राजभवन में 1971 में इंदिरा गांधी और भुट्टो के बीच शिमला समझौते पर हस्ताक्षर हुए। अटल पहले दिन से इसके खिलाफ थे। पहले तो नाज पर विरोध स्वरूप प्रदर्शन किया गया, उसके बाद मिडिल बाजार स्थित जैन हॉल में सभा की गई।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से संपर्क करने पर ज्ञात हुआ कि वाजपेयी पहली बार शिमला 1969 में आए थे। उस समय होटल डेविकोज में जनसंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। यहां छोटे कार्यकर्ता अश्विनी खांडा ने किसी बात पर हंसी का ठहाका लगाते हुए अटल की पीठ पर हाथ दे मारा था। सभी हैरान थे कि खांडा ने यह क्या कर दिया। उसके बाद जब भी अटल शिमला आते थे तो पूछते थे कि खांडा आसपास तो नहीं है। ग्रैंड होटल में पहली सभा का आयोजन हुआ था। हॉल खचाखच भरा हुआ था और बाहर तक लोग सुनने के लिए बैठे थे। शिमला की सब्जी मंडी में तो गिनती नहीं है कि कितनी बार अटल ने जनसभाओं को संबोधित किया था। आइस स्केटिंग ¨रक की जनसभा को सुनने के लिए लोग कार्टरोड पर वाहनों को रोक कर खड़े हो गए थे।
..तुम चुनाव हार रहे हो भारद्वाज
1990 में पहला विधानसभा चुनाव लड़े सुरेश भारद्वाज का कहना था कि उनके चुनाव प्रचार के लिए वाजपेयी विशेष रूप से आए थे। एसडी स्कूल में चुनाव सभा हुई, जहां पर अटल ने अपने लहजे में कहा, तुम तो हार रहे हो। मैंने भी कहा, इसीलिए आपको यहां पर बुलाया है। उस समय भारी बारिश हो रही थी। भारद्वाज ने बताया कि वे पहला चुनाव छह हजार मत के रिकॉर्ड अंतर से जीते थे। जब वे (सुरेश) प्रदेशाध्यक्ष रहे तो 2004 से लेकर तीन वर्ष तक लगातार भाजपा कार्य समिति की बैठक मनाली में होती रही।
अरे..कालीबाड़ी चलते हैं
जनसंघ के नेता रहे प. कृष्ण चंद्र शर्मा और गणेश दत्त को पता चला तो मालरोड पहुंचे। वहां पर देखा तो अटल घूम रहे थे। पीछे-पीछे एक सुरक्षा कर्मी चल रहा था। इससे पहले कि हममें से कोई पूछता कि यहां पर कब आए, स्वयं अटल बोले-आपको किसने बता दिया मैं आया हूं। कुछ कोई कहता, उन्होंने कहा..चलो कालीबाड़ी मंदिर चलते हैं। गणेश दत्त के अनुसार वे मंदिर गए और वापस लौट गए। दूसरे दिन 25 दिसंबर को उनका जन्मदिन था, लेकिन मुझे पता नहीं था। किसी ने बताया कि अटल बेटी, दामाद के साथ आशियाना में बैठे हैं। मैं और प. कृष्ण चंद्र भी वहां पर पहुंच गए। हमे भी भोजन करवाया। फिर अटल ने आशियाना के प्रबंधक वरुण शर्मा से पूछा क्या कसाटा आइसक्रीम मिलेगी। लेकिन आशियाना में कसाटा आइसक्री नहीं थी। लवीना से आइसक्रीम आई तो पूछा कितने रुपये लगे।
रिज में जून की रैली
हिमाचल में गठबंधन सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर वाजपेयी शिमला आए थे। जून में रिज पर भारी रैली हुई, जिसमें प्रदेश भाजपा प्रभारी नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। इस दौरान अटल छह दिन के लिए रिट्रीट में भी रहे थे।