सुक्खू के साथ काम करने को तैयार नहीं थे वीरभद्र सिंह
प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह सुख¨वद्र ¨सह सुक्खू के साथ काम करने को तैयार नहीं थे।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुख¨वदर सिंह सुक्खू के साथ काम करने को तैयार नहीं थे। यही वजह है कि हाल ही में वीरभद्र ¨सह किसी भी बैठक में नहीं जाते थे। उन्होंने हर छोटे-बड़े मच से सुक्खू को अध्यक्ष पद से हटाने की वकालत की। उनका यहां तक कहना था कि सुक्खू के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव जीतना संभव नहीं होगा। दूसरी ओर सुक्खू ने हरसंभव प्रयास किया कि किसी तरह से कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता को खुश रखा जा सके। लेकिन वीरभद्र ¨सह सुक्खू के नेतृत्व को हमेशा नकारते रहे। सत्ता में रहते हुए भी वह सुक्खू को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को पद से हटाने की सार्वजनिक मंचों से मांग उठाते रहे। वीरभद्र ने कांग्रेस के प्रदेश की सत्ता से बाहर होने का ठीकरा तक लचर पार्टी नेतृत्व पर फोड़ा था। पिछले दिनों कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने पर चार्जशीट सौंपी थी। इस चार्जशीट की वीरभद्र ¨सह ने खुले तौर पर आलोचना की थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि सरकार के खिलाफ चार्जशीट बनाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
वीरभद्र ¨सह की नाराजगी से कांग्रेस आलाकमान भी परिचित था। यही कारण रहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वापसी करवाने के लिए सुक्खू को हटाने का दबाव बनता चला गया। प्रदेश कांग्रेस में वीरभद्र खेमा काफी ताकतवर है और सुक्खू को हटाकर किसी दूसरे नेता को कमान देने की मुहिम चलती रही। एक समय तक सुधीर शर्मा व रामलाल ठाकुर को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा होती रही। फिलहाल सुक्खू को हटाए जाने से वीरभद्र खेमा गदगद है।