बद्दी-बरोटीवाला में एचसीक्यू का उत्पादन शुरू
एशिया में सर्वाधिक दवा उत्पादन करने वाले बददी-बरोटीवाला फार्मा औद्योगिक क्षेत्र में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन(एचसीक्यू)का उत्पादन शुरू हो गया है। यहां पर उत्पादित होने वाली दवाएं अमेरिका और यूरोप के देशों को निर्यात होगी। इस क्षेत्र में इस दवा के अतिरिक्त जीवन रक्षक दूसरी दवाओं का भी उत्पादन बढ़ना शुरू हो गया है। कोरोना के कारण पैदा हुए हालात के चलते कफ्य्रू लगने से दवा निर्माता कंपनियों में लॉक डाउन के कारण दवा उत्पादन बाधित हुआ। कफ्य्रू के कारण कर्मचारियों को आने-जाने नहीं दि
राज्य ब्यूरो, शिमला : बद्दी-बरोटीवाला फार्मा औद्योगिक क्षेत्र में मलेरिया के उपचार में काम आने वाली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (एचसीक्यू) का उत्पादन शुरू हो गया है। यहां से दवाएं अमेरिका व यूरोप भेजी जाएंगी। इसके अतिरिक्त मधुमेह, रक्तचाप, खांसी-जुकाम, बुखार की दवाओं का उत्पादन भी शुरू हो गया है। कर्फ्यू के कारण दवा निर्माता कंपनियों में उत्पादन बाधित हुआ है और कर्मचारियों को भी आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। परिणामस्वरूप दवा कंपनियों में आसपास के कर्मचारी ही सेवाएं दे रहे हैं।
शिमला स्थित ओकओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कैडिला, डॉ. रेड्डीज, अल्केमिस्ट और टोरेंट फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ वीरवार को बातचीत की। इस दौरान स्टेट ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर और बद्दी पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग कर फार्मा कर्मचारियों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र ही कालका, पिजौर, पंचकूला में रहने वाले फार्मा कर्मियों की समस्या का समाधान निकालेगी। इस समय कंपनियों में कई दिन से पंजाब व हरियाणा में रहने वाले कर्मचारी काम कर रहे थे। अब दूसरे कर्मियों के आने-जाने की व्यवस्था की जाएगी।
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316 कंपनियों में दवा उत्पादन शुरू
दवा कंपनियां और दवाएं आवश्यक सेवाओं में शामिल हैं। इसी तरह से दवा कंपनियों को उत्पादन जारी रखना होगा। राज्य में फार्मा उद्योग के तहत कुल 560 दवा कंपनियां हैं। इनमें से 316 कंपनियों में दवाओं का उत्पादन शुरू हो गया है।
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कंपनियों ने दवाओं का उत्पादन शुरू कर दिया है। प्रदेश के भीतर दवाओं की आवश्यकता पूरी करने के अलावा कंपनियां मांग के अनुसार दवाओं का निर्यात करती हैं।
-मनीष कपूर, स्टेट ड्रग कंट्रोलर।