महंगी बिजली के लिए रहें तैयार
शिमला : प्रदेश सरकार बिजली के दाम बढ़ाकर घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को झटका लगने वाला है
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार बिजली के दाम बढ़ाकर घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लगाने जा रही है। प्रदेश बिजली बोर्ड ने घाटा 300 करोड़ के करीब बताया है व इस आधार पर दाम बढ़ाने का प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। घाटे के लिए प्रदेश बिजली बोर्ड ने बिजली के दाम में 26 फीसद की वृद्धि की जरूरत जताई है। इसके आधार पर 0.74 पैसे से लेकर 1.28 रुपये प्रति यूनिट महंगी बिजली मिलेगी। प्रस्ताव में बोर्ड ने खर्चे और वेतन आदि को पूरा करने का तर्क दिया है।
पूर्व कांग्रेस सरकार के समय बिजली बोर्ड ने तीस फीसद तक दाम बढ़ाने की मांग उठाई थी। हालांकि चुनावी वर्ष में पूर्व सरकार ने दाम बढ़ाने से इन्कार कर दिया था। अब दाम बढ़ाने के संबंध में विद्युत नियामक आयोग पांच मार्च को जनसुनवाई करेगा। उसमें बिजली बोर्ड व आम लोग बिजली दरों पर पक्ष रखेंगे। बिजली के दाम राज्य विद्युत नियामक आयोग निर्धारित ही करता है। इस जनसुनवाई के बाद फैसला होगा कि दरों में कितनी वृद्धि होगी।
मार्च में जारी होंगे आदेश
पांच मार्च को जनसुनवाई के बाद बिजली के दाम बढ़ाने के आदेश जारी होंगे। बढ़े हुए बिजली के दाम पहली अप्रैल से प्रदेश में लागू होंगे। इससे पहले विद्युत नियामक आयोग ने पहली अप्रैल 2016 को बिजली के दाम तीन फीसद बढ़ाए थे। तब राज्य विद्युत बोर्ड ने 33 फीसद दाम बढ़ाने की वकालत की थी।
सालाना 5700 करोड़ खर्च
राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष भेजे प्रस्ताव में बिजली बोर्ड ने अपना खर्च 5700 करोड़ के करीब बताया है। इसमें नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का तर्क दिया गया है, जिस कारण वेतन और पेंशन पर खर्च बढ़ गया है। नए कर्मचारियों की नियुक्ति और अन्य खर्च जिसमें मरम्मत आदि भी शामिल हैं। कर्मचारियों के वेतन आदि पर 760 करोड़ रुपये का व्यय दर्शाया है।
बिजली की दरों का गणित
यूनिट,उपभोक्ता,दाम प्रति यूनिट,नए दाम वृद्धि,सब्सिडी
0-60,घरेलू,2.85,3.59,0.74,1
61-125,अन्य,3.50,4.50,1.00,2.20
126-300,अन्य,4.40,5.54,1.14,1.70
301 से अधिक,अन्य,4.95,6.23,1.28, 0.75
प्रीपेड मीटर,4.40,5.54,1.14,1.70
अभी बिजली के दाम बढ़ाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। विद्युत नियामक आयोग को आमदनी और खर्च के संबंध में बताया गया है। बिजली बोर्ड को 300 करोड़ से अधिक का घाटा है। इस संबंध में जनसुनवाई के बाद ही कोई निर्णय होगा।
-जेपी काल्टा, प्रबंध निदेशक, राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड