माल रोड साथ, कूड़े को नहीं लगा रहा कोई हाथ
शिमला के मशहूर माल रोड से सटे फिगास्क एस्टेट और अप्पर कैथू तक न तो केंद्र का स्वच्छता अभियान पहुंच पाया है और न ही राज्य सरकार के जागरूकता कार्यक्रमों का असर हुआ है। साफ सुथरे रिज मैदान से जरूर अधिकांश जागरूकता अभियान आरंभ होते हैं। लेकिन इनका धरातल पर कितना असर हो पाता है इसकी गवाही वार्ड नंबर दो वार्ड रूल्दूभट्टा दे रहा है। इस वार्ड की यही पुकार है कि यहां भी कोई सफाई प्रहरी बन कर आएं। कोई तो नेता अथवा संस्था आए तो इस क्षेत्र में भी झाड़ू चलाएं। गंदगी के ढेर सवाल पूछ रहो हैं कि आप कहां हो? आईये मेरी बदहाली को संवारिये।
शिमला के माल रोड से सटे फिगास्क एस्टेट और अप्पर कैथू तक न तो केंद्र का स्वच्छता अभियान पहुंच पाया है और न ही राज्य सरकार के जागरूकता कार्यक्रमों का असर हुआ है। साफ-सुथरे रिज मैदान से जरूर जागरूकता अभियान आरंभ होते हैं। लेकिन धरातल पर कितना असर हो पाता है, इसकी गवाही वार्ड दो रूल्दूभट्टा दे रहा है। वार्ड की यही पुकार है कि यहां भी कोई सफाई प्रहरी बनकर आए। गंदगी के ढेर सवाल पूछ रहे हैं कि आप कहां हो? आईये मेरी बदहाली को संवारिये। आज नहीं तो कल किसी न किसी को पहल करनी होगी। नहीं तो रूठ जाएगा वार्ड। साथ ही रूठ जाएंगे पर्यटन, क्योंकि फिगास्क इलाके में सबसे ज्यादा होटल स्थापित हुए हैं। स्थानीय लोग हों या पर्यटक सबकी बेहतरी के लिए सफाई जरूरी है। साफ सफाई की जांच पड़ताल करती पेश है दैनिक जागरण की रपट।
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सुमन भट्टाचार्य, शिमला
शिमला शहर में स्वच्छता अभियान गंदगी के ढेर में दब गया है। शिमला शहर के वार्ड दो रूल्दूभट्टा के तहत आने वाले फिगास्क एस्टेट व अपर कैथू के लोग गंदगी की समस्या को काफी समय से झेल रहे हैं। यहां जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। कूड़े के निपटान के लिए सफाई कर्मचारियों व सुपरवाइजर की कोई व्यवस्था नहीं है। एक दिन कूड़ा ले जाने के बाद कर्मचारी इतना थक जाता है कि चार दिन वह काम पर लौटता ही नहीं है। लोग कई बार नगर निगम व पार्षद से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सभी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। 15 साल से लगातार भाजपा समर्थित पार्षद वार्ड से विजयी होते रहे हैं। एक ही परिवार के सदस्य पार्षद पद पर बने हुए हैं। बावजूद इसके कूड़े की समस्या से छुटकारा नहीं मिला है। लोगों के अनुसार पार्षद क्षेत्र का दौरा करने भी कभी-कभार आते हैं। लोगों को अब कूड़े के कारण बीमारियों के फैलने का खतरा सताने लगा है। होटल व्यावसायिक क्षेत्र होने के कारण पर्यटकों को भी गंदगी अखरने लग पड़ी है।
------------------- यहां कई समस्याएं हैं पर सबसे बड़ी समस्या कूड़े की है। सफाई कर्मचारी की कोई नियमित व्यवस्था नहीं है। कूड़ा घरों में पड़ा सड़ता रहता है। मजबूरी में लोग यहां वहां कूड़ा फेंक देते हैं। शिकायत पर सिर्फ आश्वासन मिलते हैं।
-एएन के शर्मा
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मेरे घर के पीछे कूड़े का ढेर लग गया है। नालियां लीक कर रही हैं पर कोई सुध नहीं ले रहा है। खुद कूड़े से निपटने की कोशिश कर रही हूं पर अब समस्या बढ़ गई है।
-निर्मला
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काफी समय से कूड़ा परेशानी का सबब बना हुआ है। चारों तरफ कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। नालियां बंद होने के कारण सड़क पर पानी एकत्रित हो जाता है। इस कारण चलना मुश्किल हो गया है।
-बृजमोहन
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सफाई व्यवस्था बिलकुल भी नहीं है। सफाई कर्मचारी कभी आता है कभी नहीं आता है। सड़क का कूड़ा भी नीचे की ओर फेंक कर कर्मचारी खानापूर्ति कर रहे हैं। बहुत बार शिकायत देने पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया।
-रिकी उपाध्याय
------------------- क्षेत्र में कूड़ा चार-चार दिन तक नहीं उठाया जाता है और न ही फेंकने के लिए स्थान है। कई बार शिकायत कर चुके हैं पर कोई समाधान नहीं हुआ।
-मीनू चौहान
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कूड़े उठाने की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं है। गंदगी बढ़ गई है। गर्मी में ज्यादा परेशानी बढ़ जाती है। अब फिर से मेयर को कूड़े व अन्य समस्याओं से संबंधित शिकायतपत्र सौंपेंगे।
-रमेश शर्मा
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मैं लगातार लोगों के बीच रहता हूं। कूड़े की समस्या है। इसका स्थायी समाधान तलाशा जाएगा। नगर निगम के हाउस में मामले को उठाया जा रहा है। डोर टू डोर सफाई कर्मचारियों की परेशानी तो है, लेकिन निगम के कर्मचारी नियमित सफाई कर रहे हैं। नालियों की समस्याओं से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं। छह इंच की पाइपलाइन बिछा दी गई है। ड्रेनेज पाइपें जोड़ने के लिए लोगों से कहेंगे। इसे मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा।
-संजीव ठाकुर, पार्षद