Technomac scam: 6000 करोड़ के घोटाले के मुख्य आरोपित को भारत लाने के प्रयास तेज, एसआइटी ने सौंपी फाइलें
Technomac scam छह हजार करोड़ से अधिक के कर कर्ज घोटाले में आरोपी के सुबूतों की फाइलें एसआइटी ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को सौंप दी है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। इंडियन टेक्नोमेक कंपनी से जुड़े छह हजार करोड़ से अधिक के कर-कर्ज घोटाले के मुख्य आरोपित दिल्ली निवासी आरके शर्मा को भारत लाने के प्रयास तेज हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार हिमाचल सीआइडी की एसआइटी ने सुबूतों की फाइल गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को सौंप दी है। उसे 23 दिसंबर को दुबई में इंटरपोल ने गिरफ्तार किया था। दुबई के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है।
हिमाचल की नाहन की कोर्ट ने आरके शर्मा को उद्घोषित भगौड़ा यानी पीओ घोषित किया था। उसे रेड कार्नर नोटिस भी जारी हुआ था। इसके बाद उसे इंटरपोल ने गिरफ्तार किया है। अभी वह न्यायिक हिरासत में है। सीआइडी सूत्रों के अनुसार आरके शर्मा ने विदेशों में भी कई जगह संपत्ति एकत्र की है। उसकी इंडोनेशिया में खनिज पदार्थों की खदानों का भी पता चला है।
हिमाचल प्रदेश से डकारा पैसा विदेशों में निवेश किया। मनी लॉड्रिंग के एंगल से प्रवर्तन निदेशालय अलग से जांच कर रहा है। इडी ने कई संपत्तियों को अटैच भी किया है। सूत्रों के अनुसार ओडिशा की सारी संपत्तियों की चार करोड़ से पांच करोड़ की कीमत की है।
कंपनी ने जलाया है रिकॉर्ड
सीआइडी जांच से खुलासा हुआ है कि इंडियन टेक्नोमेक कंपनी ने बहुत सारा रिकॉर्ड जला दिया है। ऐसा इसलिए किया ताकि कंपनी के खिलाफ सुबूत न मिल सकें। इसमें भी आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है।
ईडी ने लगाया इन संपत्तियों का पता
सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 44 संपत्तियों का पता लगाया है। बैंकों से लिए गए 1600 करोड़ के मूल कर्ज को कहां निवेश किया, मनी ट्रेंड किन-किन देशों में हुआ, इसकी जांच चल रही है। आबकारी एवं कराधान विभाग सिरमौर ने कंपनी की वैल्यूएशन हिमकॉन एजेंसी से करवाई है। यह उद्योगों की वैल्यूएशन करती है। हिमकॉन एजेंसी द्वारा इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की वैल्यूएशन 330 करोड़ रुपये आंकी है। यह आकलन 2018 के तय मानकों के अनुसार लगाई है।
क्या है मामला
आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूनिट ने 2014 में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की गड़बड़ियों को पकड़ा। तीन साल तक यह मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा। हिमाचल हाईकोर्ट में भी केस चला। सीआइडी ने इस पूरे मामले की गहनता से जांच की। जांच में पाया कि कंपनी ने बड़ा घोटाला किया। दो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं। मुख्य आरोपित आरके शर्मा लंबे अरसे से विदेश में छिपा रहा।
पांच आरोपितों की आई अभियोजन मंजूरी
आबकारी एवं कराधान विभाग के पांच आरोपित अधिकारियों, कर्मचारियों की राज्य सरकार से मंजूरी मिल गई है। अब इसके खिलाफ भी कोर्ट में चार्जशीट फाइल होगी। यह तीसरी चार्जशीट होगी। तीसरी में कंपनी के निदेशक रहे अनिल जैन, ऑडिटर राजेंद्र सिंघानिया को भी आरोपित बनाया जाएगा।
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