डीडीयू में बिना विशेषज्ञ मिल रही डायलिसिस सुविधा बंद
क्षेत्रिय दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल शिमला में निर्धारित मापदंडों के बिना मिल रही डायलिसिस सुविधा बंद कर दी गई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : क्षेत्रिय दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल शिमला में निर्धारित मापदंडों व विशेषज्ञ के बिना चल रही डायलिसिस सुविधा बंद कर दी गई है। सरकार ने कंपनी को अल्टीमेटम दिया है कि पहले पूरी व्यवस्था और विशेषज्ञ का प्रबंध करो तभी डायलिसिस सुविधा दी जाए। भाजपा सरकार ने गत सितंबर में डायलिसिस सुविधा शुरू की। इससे सैकड़ों किडनी रोगियों को लाभ होना था जो अब नहीं मिलेगा।
किडनी रोगियों को भारी भरकम राशि खर्च कर अन्य राज्यों में डायलिसिस करवाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। डीडीयू अस्पताल में बीपीएल मरीजों को डायलिसिस सुविधा मुफ्त में उपलब्ध होगी जबकि अन्य मरीजों के लिए 1169 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। निजी अस्पतालों में इसके लिए करीब पांच हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस सुविधा न मिलने पर मरीजों को चंडीगढ़ या पटियाला जाना पड़ता है। डीडीयू अस्पताल में यह सुविधा पीपीपी आधार पर शुरू कर निजी कंपनी को जिम्मा सौंपा गया है। इसलिए जरूरी है डायलिसिस
किडनी के काम करने की क्षमता कमजोर होने पर शरीर से विषैले पदार्थ नहीं निकल पाते हैं। क्रिएटिनिन व यूरिया जैसे पदार्थो के अधिक होने पर तकलीफ बढ़ जाती है। मशीनों की मदद से रक्त साफ करने की प्रक्रिया को डायलिसिस कहते हैं। किडनी की खराबी के कारण क्रिएटिनिन क्लीयरेंस रेट 15 फीसद या उससे कम हो जाए तो डायलिसिस करवाना पड़ता है। डायलिसिस करने में करीब चार से पाच घटे का समय लगता है।
डीडीयू में विशेषज्ञ न होने के कारण डायलिसिस बंद कर दिया गया है। कंपनी को निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित मापदंडों और नियम के तहत डायलिसिस सुविधा शुरू करे।
-विपिन परमार, स्वास्थ्य मंत्री