सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ 17.25 लाख की ठगी
राजधानी शिमला में सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ 17.25 लाख रुपये की ठगी हुई है।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ 17.25 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। बंद पड़ी इंश्योरेंस पॉलिसी को दोबारा शुरू करवाने के नाम पर हुई ठगी को नियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। इस घटना को शातिरो के पूरे गिरोह ने अंजाम दिया है। शिकायतकत्र्ता घनश्याम शर्मा निवासी बघल्ली (बडैहरी) जिला शिमला वन विभाग से सेवानिवृत्त हुआ है।
पुलिस को दी शिकायत में घनश्याम शर्मा ने बताया कि उसने एक निजी कंपनी से बीमा करवाया था। पांच साल तक उसने इसकी किश्तें भी दीं। हर साल 50-50 हजार रुपये की किश्तें वह देते रहे। पैसों की कमी के कारण उसने बीच में ही पॉलिसी को बंद करवा दिया। कुछ समय पहले उसे फोन आया कि वह अपनी पॉलिसी रेगुलर करवा लें। पॉलिसी मेच्योर होने पर उसे लाखों रुपये मिलेंगे।
घनश्याम ने कहा कि कंपनी के एंजेंट का नाम लेकर उसे फोन किया गया। हर बार अलग-अलग नंबरों से फोन आते थे। फोन करने वाले उसे हर बार कहते थे कि यदि वह अपनी पॉलिसी को दोबारा रिन्यू करवाते हैं तो उसे बड़ा फायदा होगा। शातिरों के झांसे में आने के बाद उसने दोबारा पैसे जमा करवाए। इसी साल जनवरी में उनको एक महिला का फोन आया। महिला ने अपने आपको आरबीआइ का अधिकारी बताया और कहा कि उनकी करीब 95 लाख की बीमा राशि बनती है तो इसके बदले में सिक्योरिटी जमा करवानी होगी। महिला ने पहली बार 40 हजार की राशि मांगी जोकि शिकायकत्र्ता ने बताए गए खाते में जमा करवा दी। इसके बाद भी महिला किसी न किसी बहाने आरबीआइ का हवाला देकर पैसे मांगती रही और रिटायर्ड कर्मचारी भी फंसे पैसों को वापस लेने के चक्कर में बार-बार पैसे जमा करवाता रहा। इस तरह करीब 17.25 लाख की राशि बताए गए खातों में जमा करवाई गई। इसके बाद पीड़ित ने फोन कर बीमा की राशि मांगी जोकि नहीं दी गई। शिकायतकत्र्ता के अनुसार अब फोन बंद आ रहे हैं और इस तरह उनको अहसास हो गया है कि उनके साथ ठगी हुई है।
पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने कहा कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को बार-बार जागरूक किया जा रहा है कि वह शातिरों से सावधान रहें।