नशे करने वाले हो जाए सावधान, पकड़े गए तो भुगतनी होगी ये सजा
हिमाचल में अगर कोई व्यक्ति नशे की हालत में पकड़ा गया तो एफआइआर के साथ-साथ गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा।
शिमला, रमेश सिंगटा। नशे (चिट्टे) का सेवन करने वाले भी अब जेल जाएंगे। नशा किए हुए अगर कोई भी व्यक्ति या युवा सीआइडी को मिल गया तो उसका मेडिकल करवाया जाएगा। सैंपल फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) भेजे जाएंगे। रिपोर्ट में नशे की मात्रा पाई गई तो एफआइआर (प्राथमिकी) दर्ज करने के साथ-साथ गिरफ्तारी भी होगी। आरोपित को जमानत के लिए कोर्ट जाना होगा।
सीआइडी का नारकोटिक्र्स विंग ऐसी सख्ती पहली बार करेगा। कर्मचारी सादे कपड़ों में नशे का सेवन करने वालों पर नजर रखेंगे। अभी तक तस्करों पर ही कार्रवाई होती थी, लेकिन प्रदेश में चिट्टे के चंगुल में फंसती जा रही युवा पीढ़ी को बचाने के लिए कानून की दृष्टि से सख्ती बरती जा रही है। इसके जरिए चिट्टे पर गहरी चोट होगी।
थाना में दर्ज होगी एफआइआर
सीआइडी का प्रदेश में शिमला में एक ही थाना है। इसके क्षेत्राधिकार में पूरा राज्य आता है, पर जो नारकोटिक्सर विंग के माध्यम से एफआइआर जिलों के थानों में दर्ज करवा सकेंगे। सीआइडी के अधिकारियों के अनुसार इससे नशे का सेवन करने वालों पर कानून का डर पैदा होगा। वे न तो नशे का इस्तेमाल अपने लिए कर पाएंगे और न ही तस्करी करेंगे। नारकोटिक्स क्राइम के अब तक के मामलों की जांच से पता चला है कि जो लोग मादक द्रव्य पदार्थों का सेवन करते हैं, वही बाद में तस्करी के गैर कानूनी कार्य भी करते हैं।
एडीजीपी ने जारी किए निर्देश
एडीजीपी सीआइडी अशोक तिवारी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि मादक द्रव्य पदार्थों का नशा करते हुए अगर कोई पाया जाता है, उसका मेडिकल होगा। इसके बाद फॉरेंसिक परीक्षण में अगर सैंपल पॉजीटिव पाया गया तो एनडीपीएस की धारा 27 के तहत कार्रवाई होगी। इसका कोर्ट में बाकायदा चालान पेश किया जाएगा।
कितने मामले पकड़े
हिमाचल में नारकोटिक्स क्राइम के मामलों में वृद्धि हो रही है। हर साल सैकड़ों मामले दर्ज हो रहे हैं। 10 साल में 6261 मामले दर्ज किए गए। तुलनात्मक अध्ययन करने पर पता चला है कि इनमें हर साल इजाफा हो रहा है। तस्करी के आरोप में 6175 भारतीय और 124 विदेशी पकड़े गए।
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