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मेयर पहुंची वार्ड में, नहीं उतरा चश्मा, लोगों के सामने पीती रही कोल्ड ड्रिंक

घरों में पानी के स्थान पर सीवरेजयुक्त पानी की सप्लाई हुई है। इस कारण दो दिन से लोगों के घरों से बदबू नहीं जा रही है।

By Edited By: Published: Fri, 25 May 2018 09:04 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 12:01 PM (IST)
मेयर पहुंची वार्ड में, नहीं उतरा चश्मा, लोगों के सामने पीती रही कोल्ड ड्रिंक
मेयर पहुंची वार्ड में, नहीं उतरा चश्मा, लोगों के सामने पीती रही कोल्ड ड्रिंक

शिमला, जेएनएन। कनलोग वार्ड में बुधवार शाम को हुई सीवरेज युक्त पेयजल सप्लाई की शिकायत के दो दिन बाद नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट लोगों की समस्या जानने के लिए पहुंची। शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे मेयर पहुंची तो लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। मेयर ने धूप से बचने के लिए चश्मा लगाए रखा था। वहीं स्थानीय लोग धूप में मेयर के सामने व्यथा सुनाते रहे। सूरत-ए-हाल तो तब देखने लायक हो गया, जहां लोगों को पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा था तो मेयर के लिए कोल्ड ड्रिंक पेश किया। लेकिन मेयर जनता के सामने कोल्ड ड्रिंक पीती रही।

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इस दौरान लोगों ने कहा कि बुधवार शाम घरों में पानी के स्थान पर सीवरेजयुक्त पानी की सप्लाई हुई है। इस कारण दो दिन से लोगों के घरों से बदबू नहीं जा रही है। जानकारी के अनुसार बुधवार शाम शाडिल निवास के पास के घरों में सीवरेजयुक्त पानी की सप्लाई हुई। रातभर टंकियों में सीवरेजयुक्त पानी भरता रहा और सुबह तक टंकिया लबालब भर गईं तो लोगों को इसका पता चला। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना नगर निगम को दी लेकिन दो दिन बाद प्रशासन के पहुंचने से जनप्रतिनिधियों व अफसरशाही की लापरवाही से लोगों में रोष है।

लोगों ने कहा कि टैंकर से पानी की आपूर्ति हो रही है, जबकि पानी का बिल पूरे महीने का लिया जाता है। जो टैंकर आ रहा है। उससे केवल दो बाल्टियां मिल रही हैं। मेयर को लोगों ने सीवरेज युक्त पानी दिखाया तो मेयर ने चश्मा खोला। तब जाकर पानी देखा और कहा इस पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कोई भी कारवाई नहीं की गई। असल में यहां पर सीवरेज चैंबर लंबे समय से खुला है। इसी चैंबर के साथ पेयजल पाइपलाइन गुजर रही है। इसी चैंबर से सीवरेज पाइप लाइन भी है लेकिन आज तक नगर निगम को खुला चैंबर नहीं दिखा। लोगों के घरों में जब सीवरेज युक्त पानी की आपूर्ति हुई तो इसका खुलासा हुआ।

जैसे ही लोगों ने सीवरेज युक्त पान की सप्लाई की सूचना दी थी तो तुरंत सप्लाई बंद कर दी गई। सारी लाइन बदलवा दी गई है। साथ ही लोगों की टंकियां साफ करवा दी गई हैं। फील्ड स्टाफ से रिपोर्ट मांगी गई है। रोहित जंबाल, आयुक्त, नगर निगम।

कुछ सवाल -सीवरेज चैंबर कई दिनों से खुला था तो फील्ड स्टाफ ने कार्रवाई क्यों नहीं की? -पेयजल पाइपलाइन लीक कर रही है तो उनकी मरम्मत क्यों नहीं? -आला अधिकारियों को क्यों नहीं बताया कि लाइन लीक कर रही है?

-अभी तक जेई और एमई के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकी?

-सीवरेज युक्त पानी की सप्लाई के लिए कौन जिम्मेदार है?

-जलसंकट होने के बाद क्या चीन दौरा जरूरी है?

-पेयजल व सीवरेज पाइपलाइन एक साथ क्यों बिछाई?

क्या कहते हैं लोग पानी की कमी तो चलो मान भी लें, लेकिन सीवरेज युक्त पानी कैसे जनता पी सकती है। नगर निगम पूरी तरफ असफल साबित हुआ है।

-सुभाष वार्मा।

वीरवार सुबह देखा तो टंकियां सीवरेज युक्त पानी से भरी हुई थी। इस कारण बदबू फैल गई थी। अभी भी बदबू नहीं जा रही है।

-सुरेंद्र शांडिल।

घरों से दो दिन बाद भी बदबू नहीं जा रही है। हम जानते है कि कैसे यहां रह रहे हैं। दुकानों से खरीदकर पानी लाना पड़ रहा है। टैंकरों से दो बाल्टियां मिलती हैं। उनसे गुजारा करना मुश्किल है।

-कांता शांडिल व शारदा शांडिल

 पानी की कमी के कारण टंकी खाली है, अगर नगर निगम पानी नहीं देगा तो कौन देगा।

-शोभा

 मैंने अपने बच्चे कैसे स्कूल भेजे हैं, ये मैं ही जानता हूं। उन्हें पानी पीने को नसीब नहीं हुआ। गर्मी के मौसम में पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।

-बुद्धि सिंह शांडिल।


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