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जेल विभाग में बढ़ाएं महिला कर्मियों की संख्या

जेल महकमे ने सरकार ने मांग की है कि वह जेलों में महिला स्टाफ की संख्या बढ़ाए। मौजूदा वक्त में छह फीसद ही महिला कर्मी हैं। इसे बढ़ाकर पंद्रह फीसद तक किया जाए। शिमला के कैथू जेल में हुई कांफ्रेंस में इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया गया। यूनिफार्मड वूमेन इन प्रिजन एडमिनिस्ट्रेशन विषय पर आयोजित इस कांफ्रेंस में विभिन्न जेलों की महिला कर्मियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसकी अध्यक्षता महानिदेशक (जेल) सोमेश गोयल ने की। कांफ्रेंस में सामने आया है कि हिमाचल की जेलों में अभी कुल वार्डरों में से करीब 6 फीसदी ही महिला स्टाफ है। इसमें सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर जेलों में महिला कर्मियों की संख्या कम से कम 15 फीसदी करने की मांग की गई ताकि महिला कर्मियों को भी पुरुष कर्मियों की तरह रोस्टर के अनुसार डयूटियां लगाई जाए। महिला कर्मियों की संख्या कम होने से इनकी छुट्टियों और शिफ्ट को लगाने में जेल प्रशासन को दिक्कतें हो रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 07:40 PM (IST)
जेल विभाग में बढ़ाएं महिला कर्मियों की संख्या
जेल विभाग में बढ़ाएं महिला कर्मियों की संख्या

राज्य ब्यूरो, शिमला : जेल विभाग ने सरकार से महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। अभी विभाग में छह फीसद महिला स्टाफ है। इसे बढ़ाकर 15 फीसद तक किए जाने की मांग की गई है। शिमला की कैथू जेल में हुई कांफ्रेंस में जेल प्रशासन ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है।

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यूनिफा‌र्म्ड वूमेन इन प्रिजन एडमिनिस्ट्रेशन विषय पर आयोजित कांफ्रेंस में विभिन्न जेलों की महिला कर्मियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसकी अध्यक्षता महानिदेशक (जेल) सोमेश गोयल ने की। कांफ्रेंस में सामने आया कि हिमाचल की जेलों में वार्डरों में से करीब छह फीसद महिला स्टाफ है। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर जेलों में महिला कर्मियों की संख्या कम से कम 15 फीसद करने की मांग की गई ताकि उनकी भी पुरुष कर्मियों की तरह रोस्टर के अनुसार डयूटियां लगाई जाएं। महिला कर्मियों की संख्या कम होने से इनकी छुट्टियों और शिफ्ट लगाने में जेल प्रशासन को दिक्कत हो रही हैं। साथ में मॉडल जेल कंडा और नाहन के साथ-साथ लाला लाजपतराय सुधार गृह धर्मशाला में से प्रत्येक के लिए एक महिला चतुर्थ श्रेणी कर्मी के पद को सृजित करने की भी मांग की गई है।

जिन जेलों में महिला कैदियों के साथ उनके बच्चे भी रह रहे हैं, वहां महिला कर्मी होने से महिला कैदियों व उनके बच्चों की देखभाल भी की जा सकेगी। सोमेश गोयल ने कहा कि महिला समानता की अवधारणा को साकार करने और महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाकर महिलाओं को जेलों में काम करने का अधिक से अधिक मौका दिया जा सकता है। कांफ्रेंस में जेलों में महिला कर्मचारियों और अधिकारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर मंथन किया गया। महिला कर्मियों के काम और पारिवारिक जिम्मेदारियों में संतुलन बनाने को लेकर भी विचार विमर्श किया गया। कांफ्रेंस में मॉडल जेल कंडा व नाहन के अलावा सोलन, कैथू, धर्मशाला व ओपन एयर जेल बिलासपुर में तैनात महिला वार्डरों के साथ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।


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