घर को सैनिटाइज कर दूसरों के लिए प्रेरणा बनें युवा व महिलाएं
कोरोना को हराने के लिए लोगों ने घर से ही जंग शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना महामारी को हराने के लिए युवाओं के साथ महिलाओं ने कमान संभाल ली है। लोगों ने घर से ही इसके खिलाफ जंग शुरू कर दी है। शहर से लेकर गांव तक लोग इस जंग में दैनिक जागरण की मुहिम मेरा घर मेरे जिम्मे के साथ जुड़ रहे हैं। लोग कर्फ्यू के दौरान कोरोना संक्रमण को भगाने के लिए घरों को सैनिटाइज कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि जब अपना घर सुरक्षित होगा तो ही देश को कोरोना मुक्त किया जा सकेगा। फागली वार्ड के दिपांकर अपनी बहन वंशिका के साथ रोजाना दो से तीन घंटे घर में उन सभी स्थलों को सैनिटाइज करते हैं, जहां पर रूटीन में हाथ लगते हैं। दरवाजों व खिड़की से लेकर अलमारी के हैंडल को साफ कर सैनिटाइज किया जा रहा है। बस अड्डे के पास रहने वाले शशि पंडित, अभिमन्यु पंडित और सन्नी पंडित भी घर की ग्रिल से लेकर सीढि़यों के किनारे लगी पाइपों को साफ करते हैं। रामपुर की मंजू शर्मा अपने घर से लेकर दुकान तक को सैनिटाइज कर रही हैं। उनका तर्क है कि हर वे स्थान जहां हम हाथ लगाते हैं, उसे साफ रखना ही कोरोना से जीतने का एकमात्र मूलमंत्र है। रामपुर के विनय शर्मा अपने घर के दरवाजे से लेकर खिड़की को साफ करते हैं। परिवार के हर सदस्य को अलग से जिम्मा सौंप रखा है। रामपुर के ही करण ठाकुर का कहना है कि घर में सैनिटाइजेशन के लिए सप्ताह के दिन बांट रखे हैं। संजौली की नीलम शर्मा घर को पूरी तरह सैनिटाइज करती हैं। वहीं संजौली के ही राहुल का तर्क है कि छुट्टियों के दौरान कोरोना से सैनिटाइजिग से लेकर हाथ धोना पूरे देश को सिखा दिया है।