कंपनी के नाम पर रजिस्ट्री से पहले सीबीआइ को रिपोर्ट करेंगे डीसी
सीबीआइ ने प्रदेश सरकार को देश की 63
प्रकाश भारद्वाज, शिमला
कंपनियों द्वारा काले धन को सफेद करने के लिए हिमाचल में जमीन खरीदने या बेचने की आशका पर सीबीआइ ने प्रदेश में पहरा बिठा दिया है। सीबीआइ ने हिमाचल सरकार को देश की 638 कंपनियों की सूची सौंपी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा है कि इन कंपनियों के नाम पर किसी संपत्ति की रजिस्ट्री करने से पहले उसे सूचित करना होगा। यदि सीबीआइ संपत्ति खरीदने की अनुमति देती है तभी देश की नामचीन कंपनियों के नाम पर रजिस्ट्री होगी।
सीबीआइ ने प्रदेश के मुख्य सचिव को गत जून में पत्र भेजा था। आशंका जताई थी कि कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से कंपनियों का गठन किया है। कंपनियों की सूची मिलने पर प्रदेश सरकार ने दस जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी किए। उपायुक्तों की जिम्मेदारी होगी कि सूची में शामिल किसी कंपनी के नाम पर जमीन खरीदने या बेचने के लिए कोई व्यक्ति आए तो जिला प्रशासन दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय से संपर्क करेगा। जांच एजेंसी को जमीन की खरीद फरोख्त करने वाले की जानकारी दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में राजस्व विभाग को भी विशेष हिदायत जारी कर दी है। राजस्व विभाग ने भी जिलों में अधिकारियों को सूचित कर दिया है। राजस्व विभाग ने उपायुक्तों को कंपनियों की सूची सौंप दी है। प्रदेश के दो जिलों किन्नौर व लाहुल स्पीति में वहां के स्थानीय निवासियों के अलावा कोई व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता है। इसलिए इन जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी नहीं हुए हैं।
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सूची में दस राज्यों की नामी रियल एस्टेट कंपनियां
सीबीआइ द्वारा दी गई सूची में देश के दस राज्यों की नामी रियल एस्टेट कंपनियां शामिल हैं। ऐसे बिल्डर्स सूची में शामिल हैं जिनका संबंध हिमाचल से है। मंडी शहर की कंपनियों का भी सूची में उल्लेख है। इसके अलावा नई दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की कंपनियों की भरमार है। ऐसी कंपनियों के निदेशकों के नाम भी सार्वजनिक किए गए हैं।
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राज्य,रियल एस्टेट कंपनियां
दिल्ली,183
हरियाणा,143
राजस्थान,83
पंजाब,75
उत्तर प्रदेश,69
उत्तराखंड,40
हिमाचल प्रदेश,20
मध्य प्रदेश,15
तमिलनाडु,7
केरल,3
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हिमाचल में बेनामी थीं 750 संपत्तियां वर्ष 2012 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डीपी सूद की अध्यक्षता में बेनामी संपत्ति जाच आयोग गठित किया था। इस आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। इसके तहत हिमाचल में करीब 750 बेनामी संपत्तिया थीं।