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अब ऑनलाइन अश्लील टिप्पणी को तो हो जाएगी जेल, बख्शे नहीं जाएंगे अपराधी

अब महिलाओं और बच्चों पर ऑनलाइन टिप्पणी करने वाले अपराधियों को भी बख्‍शा नहीं जाएगा इसके लिए आइटी एक्ट के तहत आरोपित को पांच साल तक की सजा भी हो सकती है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 08:48 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 08:48 AM (IST)
अब ऑनलाइन अश्लील टिप्पणी को तो हो जाएगी जेल, बख्शे नहीं जाएंगे अपराधी
अब ऑनलाइन अश्लील टिप्पणी को तो हो जाएगी जेल, बख्शे नहीं जाएंगे अपराधी

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल में साइबर बुलिंग यानी साइबर धमकी देने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। महिलाओं, बच्चों का ऑनलाइन उत्पीड़न अथवा अश्लील टिप्पणी करने पर अब जेल जाना पड़ेगा।अभी तक पुलिस दोनों पक्षों में समझौता करवा देती थी। अब सीआइडी के तहत आने वाले साइबर थाना की पुलिस सीधे प्राथमिकी यानी एफआइआर दर्ज करेगी।

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पुख्ता सुबूतों के आधार पर ऐसे मामलों में न केवल गिरफ्तारी होगी बल्कि आइटी एक्ट के तहत आरोपित को पांच साल तक की सजा भी हो सकती है। आरोपित नाबालिग होगा तो बाल अपराध कोर्ट में केस चलेगा। इस संबंध में एडीजीपी सीआइडी अशोक तिवारी ने थाने को खास हिदायतें जारी की हैं। इसमें कहा है कि वे लोगों को इस तरह के अपराधों से दूर रहने की सलाह दें। प्रदेश में साइबर क्राइम का इकलौता थाना शिमला में है।

क्या है साइबर बुलिंग

साइबर बुलिंग यानी साइबर धमकी। ऑनलाइन किसी का पीछा करना चाहे फेसबुक के जरिए हो अथवा वाट्सएप के माध्यम से। ऑनलाइन संदेश और ई-मेल के माध्यम से किसी को परेशान करना। इंटरनेट के माध्यम से गलत फोटो, गलत भाषा, अश्लील टिप्पणी, डरा धमकाना, फेक फेसबुक आइडी बनाना, फेक नंबर से फोन करना, ब्लैकमेल करना, गंदी फोटो भेजना, बहला-फुसला कर गलत कार्य करना आदि इस अपराध की श्रेणी में आते हैं। 

कितनी शिकायतें आई

हिमाचल में इस तरह के अपराध की इस साल साइबर थाने में 80 शिकायतें आई हैं। इनमें कई लड़कियों के फेसबुक पर फेक आइडी बनाई गई हैं। कइयों को अश्लील संदेश दिए गए हैं। कुछ शिकायतों की जांच में आरोपित जान-पहचान वाले या पीड़ित के क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले निकले हैं। ऐसे में साइबर पुलिस दोनों पक्षों को थाने बुलाती है। लेकिन अब पुख्ता सुबूतों के आधार पर एफआइआर दर्ज होगी। 

डीएसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर ने कहा कि साइबर बुलिंग अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। ऐसी शिकायतों पर अब एफआइआर दर्ज हो सकेगी। इस संबंध में एडीजीपी ने भी निर्देश जारी किए हैं। 

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