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हिमाचल में बढ़ा साइबर क्राइम, इस साल 333 शिकायतें आईं

हिमाचल में इकलौते साइब क्राइम थाने में इस साल 333 शिकायतें आईं हैं। इनमें से 245 शिकायतें डेबिट और क्रेडिट कार्ड से संबंधित फ्रॉड की हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 03:37 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 05:06 PM (IST)
हिमाचल में बढ़ा साइबर क्राइम, इस साल 333 शिकायतें आईं
हिमाचल में बढ़ा साइबर क्राइम, इस साल 333 शिकायतें आईं

राज्य ब्यूरो, शिमला। आइटी के मामलों में हिमाचल प्रदेश देश के बड़े राज्यों के साथ कदमताल कर रहा है। लेकिन साथ ही इसके कई खतरे भी पैदा हो गए हैं। मसलन शातिरों के हाथों सरकारी विभागों की वेब साइट हैक होना, सरकारी आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करना, फ्रॉड करना आदि। प्रदेश में ऐसे साइबर अपराधों में भी इजाफा हो रहा है।

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राज्य में इकलौते साइब क्राइम थाने में इस साल 333 शिकायतें आईं हैं। इनमें से 245 शिकायतें डेबिट और क्रेडिट कार्ड से संबंधित फ्रॉड की हैं, जबकि 88 शिकायतें सोशल नेटवर्किंग अपराधों से जुड़ी आई हैं। सीआइडी की साइबर काइम टीम इनका निपटारा पेशेवर तरीके से कर रही है। थाने में 15 लाख से अधिक की ठगी के मामले दर्ज होते हैं। जिलों की पुलिस के माध्यम से भी यहां केस ट्रांसफर होते हैं।

थाने में तकनीकी विशेषज्ञों की तैनाती
पुलिस विभाग ने थाने में तकनीकी विशेषज्ञों की तैनात कर रखी है। यह थाना दिसंबर 2016 में खुला था। यह राज्य पुलिस मुख्यालय में स्थापित किया गया है। इसके लिए अलग से भी जगह तलाशी जा रही है, पर अभी तक उचित स्थान नहीं मिल पाया है।

लोगों को कर रहे जागरूक
सीआइडी साइबर अपराधों को लेकर लोगों को भी जागरूक कर रही है। इस संबंध में कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती है। इनमें लोगों को शातिरों से बचने के गुर बताए जाते हैं। विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को भी प्रशिक्षित दिया जाता है।

क्या न करें
- किसी के साथ भी डेबिट, क्रेडिट कार्ड की जानकारी शेयर न करें
-ईमेल या फिर फोन पर अपने वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी न दर्शाएं
-बैंक से कही जाने वाली टेलीफोन कॉल पर भरोसा न करें
-फेक फोन कॉल से सावधान रहें
-जॉब की ऑफर देने वाली कॉल या फिर मेल पर यकीन न करें
-अज्ञात बैंक खाते में कभी पैसा जमा न करें

साइबर थाना अपराधों से निपटने से पूरी तरह से सक्षम है। हमारे पास इस साल 333 शिकायतें आई हैं। इनमें से कुछ शिकायतों में शिकायतकर्ताओं, पीड़ित व्यक्तियों का पांच लाख रुपये भी वापस करवाए गए हैं।
-नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी, साइबर क्राइम  


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