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प्रदेश की संस्कृति और परंपरागत कौशल पाठ्यक्रम में होगा शामिल

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छठी कक्षा से वोकेशनल और कंप्यूट

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 07:45 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 05:09 AM (IST)
प्रदेश की संस्कृति और परंपरागत कौशल पाठ्यक्रम में होगा शामिल
प्रदेश की संस्कृति और परंपरागत कौशल पाठ्यक्रम में होगा शामिल

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छठी कक्षा से वोकेशनल और कंप्यूटर विषय को अनिवार्य किया जाएगा। वोकेशनल विषय में हिमाचल की संस्कृति और परंपरागत कौशल को भी पढ़ाया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत इसे मंजूरी दी गई है। स्कूलों में अभी तक नौवीं कक्षा से वोकेशनल विषयों को पढ़ाया जाता है। जो शिक्षक नौवीं कक्षा से इन विषयों को पढ़ाते हैं, उन्हें ही छठी से 12वीं तक पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

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नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए गठित टास्क फोर्स की पहली बैठक में यह निर्णय लिए गए। राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। बैठक में सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, सदस्य सचिव आशीष कोहली सहित विश्वविद्यालयों के कुलपति व सदस्यों ने भाग लिया। बैठक चार घंटे तक चली। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद पाठ्यक्रम से लेकर पढ़ाने का तरीका बदला जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा बीएड और डीएलएड का पाठ्यक्रम भी पूरी तरह से बदल जाएगा।

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चार सब कमेटियों के गठन को मंजूरी

शिक्षा नीति को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है। इसके बाद अब चार सब कमेटियां भी बनाई जाएंगी। पहली कमेटी प्रारंभिक शिक्षा, जिसमें नर्सरी से लेकर प्रारंभिक स्तर की शिक्षा के लिए होगी। दूसरी स्कूल शिक्षा, तीसरी कॉलेज और चौथी कमेटी विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाले बदलाव के लिए गठित की जाएगी।

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एससीईआरटी और शिक्षा बोर्ड तैयार करेगा 30 फीसद पाठ्यक्रम

नई शिक्षा नीति के तहत पूरे देश में 70 फीसद पाठ्यक्रम एक जैसा होगा। 30 फीसद पाठ्यक्रम को बदला जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सोलन और हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड इस पाठ्यक्रम को तैयार करेंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर जो बदलाव होने हैं वह विवि की अकादमिक काउंसिल में तय होगा। इसके लिए अलग से कमेटी का गठन किया जाएगा। 2021 तक इस पाठ्यक्रम को तैयार करना है।

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विधायकों की ली जाएगी राय, पंचायत प्रतिनिधि करेंगे जागरूक

नई शिक्षा नीति पर विधानसभा में भी चर्चा होगी। विधायकों की राय जानी जाएगी। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधि लोगों को जागरूक करेंगे। शिक्षा नीति के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वेबिनार करवाए जाएंगे।

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नई नीति से ये होंगे बदलाव

-कलस्टर स्कूल और कॉलेज बनेंगे। किसी स्कूल में किसी शिक्षक की कमी है तो अन्य स्कूल से शिक्षक जाएगा।

-मिड-डे मील में नाश्ते को शामिल किया जाएगा।

-बोर्ड कक्षाओं की साल में दो बार परीक्षाएं होंगी। अंक सुधारने का मौका मिलेगा।

-तीसरी, पांचवीं, आठवीं कक्षा की परीक्षाएं स्कूल लेंगे।

-पहली, दूसरी, चौथी, छठी और सातवीं के विद्यार्थी मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट होंगे।

-नौवीं और जमा एक की परीक्षा भी स्कूल अपने स्तर पर लेंगे।


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