नम आंखों से युग को अंतिम विदाई
राजधानी शिमला के राम बाजार से चार वर्षीय युग गुप्ता के अपहरण व हत्या के चार वर्ष बाद शनिवार को परिवार ने अंतिम विदाई दी। परिवार के सात सदस्यों ने हरिद्वार पहुंच कर युग की अस्थियों का विसर्जन किया। शुक्रवार को सीबीआई द्वारा युग की अस्थियां परिवार को सौंपने के समय परिवार के सभी सदस्य विलख विलख कर रो पड़े।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के राम बाजार से चार वर्षीय युग गुप्ता के अपहरण व हत्या के चार वर्ष बाद शनिवार को परिवार ने उसे नम आंखों से अंतिम विदाई दी। परिवार के सात सदस्यों ने हरिद्वार पहुंच कर युग की अस्थियों का विसर्जन किया।
कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को सीआइडी कर्मियों द्वारा युग की अस्थियां सौंपने के समय परिवार के सभी सदस्य बिलख-बिलख कर रो पड़े। दादी ने युग के पिता विनोद गुप्ता को हिदायत दी कि सभी काम विधि विधान से हों और पूरी श्रद्धा से युग को अंतिम विदाई दें। उन्होंने उन्हें और भी कई हिदायतें देते हुए अस्थियों के कलश को सिर से लगाया। शुक्रवार को ही युग के पिता विनोद गुप्ता, माता पिकी, फूफा विनोद कुमार, चाचा अरुण, दादा बाल गोपाल, विजय चंद व बुआ कंचन अस्थियां प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार रवाना हुए। विनोद गुप्ता के लखनऊ स्थित पैतृक गांव से सात लोग भी हरिद्वार पहुंचे। शनिवार को हरिद्वार के कुशाघाट में विधिपूर्वक अस्थियों का विसर्जन किया गया। इस दौरान परिजनों की आंखों में आंसू थे। परिवार के सदस्य रविवार को शिमला लौटेंगे। यह था मामला
राम बाजार निवासी विनोद गुप्ता के चार वर्षीय बेटे युग गुप्ता का 14 जून 2014 को बाजार से अपहरण हो गया। आरोपितों ने उसे राम चंद्रा चौक के पास किराये के मकान में रखा। एक सप्ताह तक उसे कई यातनाएं दी गई। नशे में आरोपित उसे प्रताड़ित करते रहे। उन्होंने युग को भराड़ी के नजदीक नगर निगम के पानी के स्टोरेज टैंक में जिदा फेंक दिया था। कब क्या हुआ
-14 जून 2014 : युग का अपहरण। परिजनों ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
-15 जून : पुलिस ने युग की तलाश शुरू की। पुलिस के असफल रहने पर मामला सीआइडी क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया।
-20 अगस्त 2016 : सीआइडी ने आरोपित विक्रांत को गिरफ्तार किया।
-22 अगस्त : विक्रांत की निशानदेही पर सीआइडी ने भराड़ी टैंक से युग का कंकाल बरामद किया। आरोपित चंद्र शर्मा व तेजेंद्र पॉल गिरफ्तार।
-25 अक्टूबर : सीआइडी ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पेश की।
-20 फरवरी 2017 : जिला एवं सत्र न्यायालय में ट्रायल शुरू।
-28 मार्च तक चला पहला ट्रायल।
-16 मई से एक जून, 14 से 22 सितंबर व 16 से 20 नवंबर तक फिर ट्रायल हुए।
-19 से 24 फरवरी व 27 फरवरी 2018 को ट्रायल हुए। अभियोजन पक्ष ने 105 गवाह पेश किए।
-27 फरवरी : प्रॉसिक्यूशन विटनेस पूरी।
-5 मार्च : आरोपितों के बयान रिकॉर्ड किए गए।
-27 अप्रैल : आरोपितों को डिफेंस एविडेंस का मौका दिया गया।
-8 मई : आरोपितों ने डिफेंस में एविडेंस पेश करने से मना किया। कोर्ट ने बहस की तारीख तय की।
-5 सितंबर : कोर्ट ने तीनों आरोपितों को मौत की सजा दी।