Move to Jagran APP

आलू को किसानों की आय का मुख्य साधन बनाने के लिए करें शोध

राज्यपाल कलराज मिश्र ने आलू पर गहन वैज्ञानिक शोध पर जोर दिया है ताकि अधिक से अधिक किसानों को आलू की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और इसकी खेती किसानों की आजीविका का मुख्य साधन बन सके। यह बात उन्होंने आज यहां केन्द्रीय आलू अनुसंधान केन्द्र (सीपीआरआई) द्वारा अपने 71वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान कही। उन्होंने संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि अपने लगभग सात दशकों की यात्रा के दौरान सीपीआरआई ने आलू अनुसंधान के क्षेत्र में देश को महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हिमाचल प्रदेश का जलवायु आलू की खेती करने के लिए अनुकूल है और राज्य के किसान लगभग पिछले 150 वर्षों से इसकी खेती कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक और अनुसंधान के कारण अब देश के अन्य भागों में भी आलू भारी मात्रा में उगाया जा रहा है जिसका अधिकतम श्रेय सीपीआरआई को जाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 10:02 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 10:02 PM (IST)
आलू को किसानों की आय का मुख्य साधन बनाने के लिए करें शोध
आलू को किसानों की आय का मुख्य साधन बनाने के लिए करें शोध

राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्यपाल कलराज मिश्र ने आलू पर गहन वैज्ञानिक शोध पर जोर दिया, ताकि ज्यादा किसान आलू की खेती के लिए प्रोत्साहित हों। आलू की खेती किसानों की आजीविका का मुख्य साधन बन सके। केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र (सीपीआरआइ) के 71वें स्थापना दिवस पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल की जलवायु आलू की खेती करने के लिए अनुकूल है। राज्य के किसान 150 साल से इसकी खेती कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक और अनुसंधान के कारण अब देश के अन्य भागों में भी आलू भारी मात्रा में उगाया जा रहा है, जिसका अधिकतम श्रेय सीपीआरआइ को जाता है।

loksabha election banner

राज्यपाल ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि हिमाचल में लगभग 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जा रही है और लगभग दो लाख टन उत्पादन हो रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों को बीमारी रहित आलू की कुफरी हिमालयनी, कुफरी गिरधारी और कुफरी करण जैसी किस्में व पर्यावरण मित्र विधि और कीटरोधक विधि जैसी तकनीकों को विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संस्थान लाभ देने वाली किस्मों के संरक्षण के लिए सराहनीय प्रयास कर रहा है और 20 पेटेंट हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ा है। उन्होंने चीन के बाद भारत आलू उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है जिसमें सीपीआरआई के शोध कार्य व आधुनिक तकनीकों के विकास की प्रमुख भूमिका है।

राज्यपाल ने विशेष आलू उत्पाद क्षेत्रों की पहचान, आयात-निर्यात क्षेत्रों की स्थापना, देश-विदेश में आलू के लिए बाजार खोजने और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देकर उन्हें आपस में जोड़ने की दिशा में कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादन को किसानों की आय का मुख्य साधन बनाने पर कार्य होना चाहिए, जिसमें विज्ञानी अपने शोध कार्य से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इससे भारत आलू उत्पादन में चीन से आगे बढ़ने में सफल हो सकता है। उन्होंने किसानों के लिए बेहतर परिस्थितियां तैयार करने पर बल दिया ताकि वे पूरे विश्वास के साथ अपने खेतों से जुड़ सकें और अपने उत्पाद से छोटे-छोटे व्यवसाय जैसे चिप्स उत्पादन इत्यादि को अपना सकें जिससे स्टार्ट-अप अभियान को भी संबल मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.