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माकपा के चुनाव घोषणा पत्र में आर्थिक निर्भरता को प्रमुखता

लोकसभा चुनावों के लिए माकपा ने वीरवार को शिमला में अपना घोषणा पत्र जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 08:29 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:15 AM (IST)
माकपा के चुनाव घोषणा पत्र में आर्थिक निर्भरता को प्रमुखता
माकपा के चुनाव घोषणा पत्र में आर्थिक निर्भरता को प्रमुखता

जागरण संवाददाता, शिमला : लोकसभा चुनाव के लिए माकपा ने वीरवार को शिमला में चुनाव घोषणा पत्र जारी किया। माकपा मंडी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रही है। शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर संसदीय सीट पर भाजपा के खिलाफ माकपा प्रचार करेगी। मंडी संसदीय सीट के लिए 23 अप्रैल को माकपा प्रत्याशी दलीप कायथ मंडी में नामांकन पत्र दखिल करेंगे। वीरवार को शिमला में माकपा के राज्य सचिव राकेश सिंघा इस दौरान मौजूद रहे। घोषणा पत्र में प्रदेश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मुख्य मुद्दा बनाया है। राकेश सिंघा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के विशेष दर्जे को पहले की तरह बहाल करके विशेष आर्थिक सहायता के लिए व चंडीगढ़ से प्रदेश का 7.19 फीसद हिस्सा लेने सहित जंगलों के रखरखाव के बदले केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपये सालाना मुआवजे लेना माकपा का मुख्य मुद्दा होगा। इसके अलावा 1990 के बाद प्रदेश सरकार की रॉयल्टी के रूप में मिल रहे बिजली उत्पादन के 12 फीसद हिस्से को बढ़ाने और पानी के एवज में केंद्र से विशेष ग्रांट लेने का माकपा प्रयास करेगी। आठ पन्नों के घोषणापत्र में 11 मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है।

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घोषणा पत्र में ये मुद्दे किए शामिल

-वन अधिकार एवं वन संरक्षण कानून में जन पक्षीय बदलाव।

-वन भूमि के आवंटन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक को निरस्त करवाने के लिए कदम उठाना।

-सड़क निर्माण की गति को बढ़ाना और रेल ट्रैक का विस्तार करना।

-प्रदेश के दूरदराज के हिस्सों को जोड़ने के लिए सुरंगों के निर्माण को सुनिश्चित करना।

-प्रदेश में खुले व प्रस्तावित केंद्रीय संस्थानों को स्थापित करने और विकसित करने की प्रक्रिया में तेजी लाना।

-किसानों के कब्जे वाली पांच बीघा तक जमीन को मुफ्त और उससे ऊपर मार्केट रेट के हिसाब से नियमित करना।

-घर बनाने के लिए गांव में तीन बिस्वा और शहर में दो बिस्वा जमीन उपलब्ध करवाना।

-कृषि उत्पादों को समर्थन मूल्य दिलवाना।

-जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाना तथा फसल बीमा योजना को किसान हितेषी बनाना।

-कृषि-बागवानी उत्पादों के लिए विपणन एवं मौसम अनुकूल भंडारण व्यवस्था सुनिश्चत करना।

-असंगठित क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी लागू करके दैनिक भोगियों, ठेका व आउटसोर्स मजदूरों का न्यूनतम मासिक वेन 18000 रुपये करना।

-कर्मचारियों को 4-9-14 टाइम स्केल, ग्रेड पे व विभन्न भत्तों के मामलों को सुलझाना तथा आवास भत्ते को मूल वेतन के 10 फीसद के हिसाब से प्रदान करना।

-33 फीसद महिला आरक्षण विधेयक को पास करवाने के लिए प्रयत्न करना।

-बेरोजगारी भत्ते को न्यूनतम 3000 रुपये तक करना व उद्योगों में 80 फीसद प्रदेश के युवाओं की भर्ती सुनिश्चित करना।


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