कोरोना रिपोर्ट में देरी मरीजों पर भारी
राज्य ब्यूरो शिमला हिमाचल प्रदेश में कोरोना रिपोर्ट में देरी मरीजों पर भारी पड़ रही
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में कोरोना रिपोर्ट में देरी मरीजों पर भारी पड़ रही है। ये तथ्य होम आइसोलेशन की प्रक्रिया को खंगालने के बाद सामने आए हैं। कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उपचार के लिए दवा की किट तक नहीं मिल रही है। कोविड-19 हेल्पलाइन पर फोन करने पर उन्हें संबंधित क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा जा रहा है।
प्रदेश में 90 फीसद कोरोना पॉजिटिव मरीज होम आइसोलेशन में हैं। शिमला, कांगड़ा, मंडी व चंबा में होम आइसोलेट मरीजों से जानकारी ली गई तो पता चला कि चार दिन बाद आशा वर्कर आई और दवा की किट देकर चली गई। इसके बाद किसी ने हाल नहीं पूछा।
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हिमाचल में होम आइसोलेट मरीजों की किट में दवा
डॉक्सीसाइक्लिन टेबलेट,10
आइवरमेक्टाइन टेबलेट,10
विटामिन सी टेबलेट,10
जिक टेबलेट,10
मल्टी विटामीन टेबलेट,10
पैरासिटामोल टेबलेट,10 पंजाब में कोरोना फतेह किट में आइटम
पल्स आक्सीमीटर,1
डिजिटल थर्मामीटर,1
स्टीमर,1
हैंड सैनिटाइजर, 500एमएल
गिलोय टेबलेट,60
विटामिन सी टेबलेट,30
विटामिन डी टेबलेट,04
जिक टेबलेट,30
टॉपसिड,14
काढ़ा,200 एमएल
डॉक्सीसाइक्लिन टेबलेट,10
आइवरमेक्टाइन टेबलेट,2
कफ सीरीप,100 एमएल
बीटाडीन,1
लिवोसिट्रीजीन टेबलेट,10
फेस मास्क ट्रिपल लेयर,50
बैलून, 3 केस स्टडी-1
पॉजिटिव आने के चार दिन बाद आशा वर्कर ने दवा की एक किट दी। उसके साथ चिकित्सक का नंबर भी दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई दिक्कत होती है तो इस नंबर पर संपर्क करें। इसके अलावा कोई भी छने नहीं आया।
-रमेश, कोरोना पॉजिटिव शिमला। केस स्टडी-2
पॉजिटिव आने के बाद किसी ने संपर्क नहीं किया। तीन दिन बाद स्वयं फोन पर आशा वर्कर से संपर्क किया। उससे दवा न मिलने की बात कही तो उन्होंने दवा दी।
-राकेश, कोरोना पॉजिटिव कांगड़ा। कहां है दिक्कत
होम आइसोलेट मरीज को दवा पहुंचाने का जिम्मा 8000 से भी कम आशा वर्कर को सौंपा गया है। मरीज को रिपोर्ट मिलने में दो से तीन दिन लग रहे हैं, जबकि इसकी सूचना संबंधित क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारियों और आशा वर्कर को चार से पांच दिन बाद मिल रही। होम आइसोलेट मरीज में कई किलोमीटर की दूरी पर होते हैं, जिसके कारण उन तक पहुंचने में आशा वर्कर को समय लग रहा है। ........
कुछ मरीजों को दवा की किट देने में समय लग रहा है। जिसका कारण रिपोर्ट के संबंधित क्षेत्र तक पहुंचाने में समय लगना और मरीजों के अलग-अलग जगह पर होना है। हर मरीज को दवा और उसका हाल पूछने के लिए अधिकारियों और आशा वर्कर हो निर्देश दिया है।
-डा. निपुण जिदल, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश