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वित्त कमेटी की बैठक से पार्षदों को उम्मीद

नगर निगम चुनाव से दो महीने पहले वीरवार को होने वाली निगम की वित्त कमेटी की बैठक से पार्षदों को काफी उम्मीदें हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 07:49 PM (IST)
वित्त कमेटी की बैठक से पार्षदों को उम्मीद
वित्त कमेटी की बैठक से पार्षदों को उम्मीद

जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम चुनाव से दो महीने पहले वीरवार को होने वाली निगम की वित्त कमेटी की बैठक पर सभी पार्षदों की नजरें हैं। इस बैठक से पहले ही पार्षद लाखों रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत करवाने के लिए पसीना बहा रहे हैं। सभी का एक ही लक्ष्य है कि इन प्रस्तावों को स्वीकृत करवा लिया जाए, लेकिन निगम के पास बजट की कमी इसमें दीवार बनती दिख रही है। पार्षद अपने वार्ड में लाखों रुपये का प्रोजेक्ट लगाने के लिए पूरी जुगत कर रहे हैं। इसके लिए महापौर से लेकर राजनीतिक आकाओं की शरण में भी पहुंच रहे हैं, लेकिन नगर निगम की माली हालत और बजट की कमी उन्हें परेशान कर रही है।

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शहर में आने वाले दो से तीन महीने के बाद नगर निगम के चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव की घोषणा एक महीने पहले हो जाएगी। इसलिए पार्षदों को लग रहा है कि कैसे भी बचे हुए समय में वार्ड का विकास करवा लिया जाए। इसके लिए जल्द ही मंजूरी दिलवाने के लिए भरसक प्रयास हो रहे हैं। भाजपा शासित निगम में इस बार स्मार्ट सिटी से लेकर अम्रृत मिशन तक के प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों के काम हुए। अब अंतिम दौर में सभी को लग रहा है कि जो भी कार्य बचे हैं उन्हें भी स्वीकृत तो करवा लें, शुरू तो बाद में ही हो जाएंगे। बजट की कमी पार्षदों को कर सकती है निराश

वीरवार को होने वाली वित्त कमेटी की बैठक से सभी को उम्मीदें हैं, लेकिन बजट की कमी के चलते कार्यो के सिरे चढ़ने की उम्मीद न के बराबर है। दूसरी तरफ पार्षदों को उम्मीद है कि वित्त कमेटी की बैठक में उनके प्रस्तावों को हरी झंडी मिलती है तो आने वाले निगम की बैठक में भी इन प्रस्तावों को चर्चा के लिए लाया जाए। इसके बाद उनके वार्डो में काम शुरू हो सकते हैं। हर पार्षद ने तैयार कर रखा है 30 से 35 लाख का प्रस्ताव

यदि महापौर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में वीरवार को होने वाली वित्त कमेटी से इसे मंजूरी नहीं मिली तो बजट के अभाव में उनका प्रस्ताव अगले महीने के लिए पेंडिग हो सकता है। इसलिए सभी ने पूरी ताकत इसके लिए लगा दी है। इस बार सभी के प्रस्ताव कम बजट के नहीं बल्कि लाखों रुपये के हैं। सभी के प्रस्ताव 20 से 30 लाख रुपये तक के हैं ऐसे में निगम यदि सभी के प्रस्तावों को लाता है तो नौ से दस करोड़ का बजट एक ही बैठक में स्वीकृत करना होगा।


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