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काम दिलाने के साथ कारोबार में मददगार बनेगा निगम

नगर निगम शिमला बेरोजगारों को काम मुहैया करवाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 04:15 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:17 AM (IST)
काम दिलाने के साथ कारोबार में मददगार बनेगा निगम
काम दिलाने के साथ कारोबार में मददगार बनेगा निगम

- 27 को निगम की बैठक में होगी चर्चा, योजना के तहत लोगों को करवाना होगा अपना पंजीकरण

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- 15 दिन के भीतर निगम प्रदान करेगा रोजगार, प्रत्येक बेरोजगार को दिया जाएगा 120 दिन का रोजगार

- 05 हजार लोगों को रोजगार व स्वरोजगार देने की तैयारी, न्यूनतम दिहाड़ी 225 रुपये दी जाएगी

जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के बेरोजगार युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। नगर निगम शिमला बेरोजगारों को काम मुहैया करवाएगा। यदि कोई व्यक्ति काम के बजाय अपना कारोबार शुरू करना चाहता है तो उसे आसान शर्तो पर ऋण भी मुहैया करवाकर कारोबार शुरू करने में मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना के तहत बेरोजगार युवाओं का रोजगार प्राप्त करने का सपना साकार होगा।

योजना के तहत लोगों को नगर निगम में अपना पंजीकरण करवाना होगा और 15 दिन के भीतर नगर निगम उन्हें रोजगार प्रदान करेगा। शहर के प्रत्येक बेरोजगार को इस योजना के तहत 120 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। न्यूनतम दिहाड़ी 225 रुपये प्रदान की जाएगी। यदि नगर निगम कार्य प्रदान करने में असमर्थ रहा तो 75 रुपये प्रतिदिन व्यक्ति को दिहाड़ी मिलेगी। व्यक्ति यदि योजना के तहत 30 दिन निरंतर कार्य करता है तो उसे कौशल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण व भत्ता भी दिया जाएगा। इस योजना से रोजगार प्राप्त होगा, वहीं लोगों को अपने कौशल को और अधिक विकसित करने का अवसर भी मिलेगा। मासिक सदन में निगम करेगा चर्चा

नगर निगम में करीब पांच हजार लोगों को रोजगार देने की योजना है। 27 मई को निगम के मासिक सदन में इस पर चर्चा प्रस्तावित है। नगर निगम के सभी पार्षदों को बेरोजगारों को पंजीकरण करने के लिए कहा गया है। निगम के पास अभी तक कोई सही आंकड़ा नहीं है कि शहर में कितने बेरोजगार हैं। बेरोजगारों का आंकड़ा जुटाने के बाद शहरी बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए निगम योजना तैयार करेगा कि किन क्षेत्रों में काम दिया जा सकता है। निगम को रोजगार उपलब्ध करवाने में यह होगी चुनौती

नगर निगम में सभी बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। शिमला शहर में अधिकतर बेरोजगार पढ़े-लिखे हैं। निगम के पास योग्यता के आधार पर रोजगार नहीं है। ऐसे में निगम के लिए यह चुनौती है कि शिक्षित बेरोजगारों को किस तरह का रोजगार दिया जाएगा। वहीं शिमला में निजी कंस्ट्रक्शन कंपनियां और ठेकेदार मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी 400 रुपये देती हैं। ऐसे में 225 रुपये की दिहाड़ी पर निगम के पास काम करने के लिए ऐसे बेरोजगार तैयार भी नहीं होंगे। निगम के मासिक सदन में इस पर भी चर्चा की जाएगी कि रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने के लिए कौन-सी योजनाएं बनाई जाएं। पानी और कूड़े के बिलों पर भी हो सकता है हंगामा

नगर निगम के मासिक सदन में कोरोना संक्रमण के दौरान शहर में पानी और कूड़े के बिलों पर भी हंगामा हो सकता है। पार्षद कूड़े और पानी के बिल माफ करने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन निगम ने मार्च से लागू होने वाली 10 फीसद की छूट तीन महीने के लिए दी है। विपक्षी दल के पार्षद इसको लेकर हंगामा कर सकते हैं। नगर निगम बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत यह रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। किस क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाना है निगम इस पर चर्चा करेगा।

सत्या कौंडल, महापौर नगर निगम शिमला।


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