संकट में हिमाचल का उद्योग जगत
प्रदेश की आर्थिकी को मजबूती देने में उद्योग जगत का भी बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन इन दिनों मंदी का असर प्रदेश में लगे उद्योगों पर भी दिखाई देने लगा है।मंदी के कारण प्रदेश में लगे उद्योगों पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं। प्रदेश में धागा कंपड़ा बनाने से लेकर ऑटो पार्ट बनाने तक के उद्योग लगे हैं। ऑटो सेक्टर में आई मंदी का असर सीधे प्रदेश में ऑटो पार्टस बनाने वाले औद्योगिक इकाई पर भी पड़ा है।
रविद्र शर्मा, शिमला
हिमाचल की आर्थिकी को मजबूती देने में उद्योग जगत का भी बड़ा योगदान है लेकिन मंदी का असर प्रदेश में लगे उद्योगों पर भी दिखाई देने लगा है। प्रदेश में धागा, कपड़ा बनाने से लेकर ऑटो स्पेयरपार्ट्स तक के उद्योग हैं। ऑटो सेक्टर में आई मंदी का असर सीधे प्रदेश में ऑटो स्पेयरपार्ट्स बनाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर भी पड़ा है। मंदी की आहट से उद्योग जगत से लेकर आम आदमी तक के चेहरों पर चिता की लकीरे साफ दिखाई दे रही है।
ऑटो के साथ-साथ टैक्सटाइल और स्पीनिग मिल को भी सप्ताह में दो दिन के लिए बंद करने पर विचार किया जाने लगा है। प्रदेश में छोटे-बड़े करीब 52466 उद्योग हैं, जिसमें 439609 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिला है। उद्योग जगत से जुड़े लोगों की मानें तो अकेले बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ में ही ऑटो के स्पेयरपार्ट्स बनाने वाले 25 से अधिक उद्योग स्थापित हैं। ऑटो सेक्टर में मंदी के बादल छाने के बाद से इनमें काम काफी कम हो गया है। ऐसे में ऑटो सेक्टर से जुड़े उद्योगों को सप्ताह में दो दिन तक बंद रखने की नौबत आ गई है।
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विस्तारीकरण की योजना पर लगी ब्रेक
प्रदेश में लगे उद्योगों में कुछ औद्योगिक इकाइयों ने कारोबार का विस्तार करने की योजना बनाई थी, लेकिन मंदी के आहट के बाद सभी ने विस्तारीकरण की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यहां तक नए निवेशक भी अभी निवेश करने के लिए थोड़ा और वक्त लेना चाह रहे हैं।
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पैकिग उद्योग पर भी असर :
एक बड़े उद्योग के साथ कई और उद्योग भी जुड़े होते हैं। ऑटो सेक्टर, धागा और कपड़ा उद्योग में दो दिन काम बंद होने का असर जॉब वर्क करने वाले उद्योगों से लेकर पैकिग मैटीरियल बनाने वाले छोटे उद्योगों तक पड़ रहा है। डिमांड में कमी के कारण उद्योग के काम में कमी आई है।
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मंदी की आहट का असर प्रदेश के उद्योगों पर भी पड़ा है। ऑटो सेक्टर के अलावा धागा और कपड़ा बनाने वाले उद्योगों में हालात ऐसे हो गए हैं कि उन्हें सप्ताह में दो दिन बंद रखने पर विचार किया जा रहा है। सरकार को इस मंदी से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। पूरा उद्योग जगत सरकार की ओर मंदी से उभारने के लिए टकटकी लगाए हुए है।
-शैलेश अग्रवाल, अध्यक्ष बीबीएन उद्योग संघ।
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प्रदेश में कितने उद्योग
वर्ग,संख्या,रोजगार
लघु उद्योग,51729,353521
मध्यम उद्योग,597,56500
बड़े उद्योग,140,29588
नोट : यह आंकड़ा उद्योग विभाग के अनुसार है।