गर्भवती महिला खांसी तो डॉक्टर प्रसव से पहले ले गए आइसोलेशन वार्ड में, रिपोर्ट आने तक दर्द से कराहती रही
गर्भवती महिला को जुखाम आैर खांसी होने पर प्रशासन ने उनका प्रसव करवाने से पहले आइसोलेशन में रखा।
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश के एक मात्र मातृ एवं शिशु अस्पताल का रोचक मामला सामने आया है। गर्भवती महिला को जुखाम आैर खांसी होने पर प्रशासन ने उनका प्रसव करवाने से पहले आइसोलेशन में रखा। आइजीएमसी से टीम मंगवा कर महिला का टेस्ट करवाया, टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही डिलीवरी की गई। इस दौरान महिला को अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में ही रखा। जिला सोलन के दाड़लाघाट से आई गर्भवती महिला के प्रसव करवाने में अस्पताल प्रशासन से इसलिए देरी हो गई, क्योंकि उसमें कोरोना के लक्षण दिखे। कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही महिला का प्रसव करवाया गया।
सोमवार को दाड़लाघाट की एक महिला कमला नेहरू अस्पताल अपना प्रसव करवाने के लिए पहुंची। महिला को खांसी और बुखार की शिकायत थी। इसलिए पड़़ी टेस्ट करवाने की जरूरत अस्पताल प्रशासन ने जब उसकी ट्रैवल हिस्ट्री ली तो उसने बताया कि उसका पति पंजाब के रोपड़ से आया है व वहां पर चालक का काम करता है। यह जान कर अस्पताल में तैनात स्टाफ में हड़कंप मच गया। डाक्टरों ने आइजीएमसी की टीम बुलाकर महिला का कोरोना वायरस का टेस्ट करवाया। हालांकि, महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई और इसके बाद महिला का प्रसव करवाया गया। तब तक महिला को प्रसव पीड़ा सहन करनी पड़ी। मंगलवार सुबह जब यह खबर अस्पताल के बाकी डॉक्टरों व कर्मचारियों को पता चली तो पहले तो डरे, लेकिन रिपोर्ट नेगटिव आने की जानकारी मिलने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल ड्यूटी पर आने वाले डॉक्टर, स्टाफ नर्स, पैरा मेडिकल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटियां तय कर दीं।
जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित, अस्पताल से दी छ़ुट्टी
महिला का प्रसव सामान्य हो गया है और जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित है। बुखार भी उतर गया है। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने महिला को छुट्टी दे दी है। इसके बाजजूद रिपोर्ट आने तक अस्पताल में सेवारत स्टाफ काफी डरा रहा। हालांकि अस्पताल में पूरी एहतियात बरती जा रही है। बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है।
एहतियात जरूरी : डॉ. अंबिका
अस्पताल में आई महिला को खांसी, जुखाम आैर बुखार था। इस शंका को दूर करने के लिए महिला को आइसोलेशन वार्ड में रखा आैर कोरोना टेस्ट भी करवाया। टेस्ट रिपोर्ट नेगटिव आने के बाद डिलीवरी करवा दी। जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं और अब दोनों को छुट्टी दे दी गई है। -डाॅ. अंबिका चौहान, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, कमला नेहरू अस्पताल।