फोरलेन का रूट बदलने से लगा करोड़ों का चूना, सीबीआइ से शिकायत
किरतपुर- मनाली फोरलेन में मंडी जिले में डडोर से नागचला बाइपास का रूट बदलने से केंद्र सरकार को अरबों का चूना लगा है। आरोप है कि दो बड़े करोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बगला कस्बे को ही उजाड़ दिया गया। इससे सरकार के खजाने पर करीब 200 करोड़ का अतिरिक्त बोझ डाला गया है। इसकी देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी की शिमला ब्रांच से शिकायत की गई है। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ इस पर जल्द ही औपचारिक तौर पर प्रारंभिक जांच आरंभ करेगी। शिकायतपत्र में नेशनल हाइवे अथोरिटी ऑफ इंडिया (एनए
रमेश सिगटा, शिमला
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर मंडी जिले में डडौर से नागचला बाईपास का रूट बदलने से केंद्र सरकार को करोड़ों का चूना लगा है। आरोप है कि दो बड़े करोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बगला कस्बे को ही उजाड़ दिया गया। इससे केंद्र सरकार के खजाने पर करीब 200 करोड़ का अतिरिक्त बोझ डाला गया है। पूर्व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट बीआर कौंडल ने देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआइ की शिमला ब्रांच से इसकी शिकायत की है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ इस पर जल्द औपचारिक तौर पर प्रारंभिक जांच शुरू करेगी। शिकायत पत्र में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के अफसरों की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाई है। पत्र में करोड़ों रुपये के घोटाले की आशंका जताई है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखा है। आरोप है कि रूट दो ऐसे कारोबारियों को फायदा देने के लिए बदला गया, जिनके होटले घाटे में चल रहे थे। इस कारण 60 से 70 मकानों को भी उजाड़ा गया है। साथ ही मुआवजे के तौर पर अतिरिक्त राशि भी खर्च करनी पड़ी है।
आरोप है पहले जिस रूट से फोरलेन बनना प्रस्तावित था, वहां केवल कुछ घरों को ही नुकसान होता। उस जमीन का मुआवजा भी पांच गुणा कम देना होता क्योंकि वहां के सर्कल रेट कम हैं। सीबीआइ को भेजी शिकायत के अनुसार बाईपास के लिए तीन प्रकार के सर्वेक्षण हुए थे। एक सर्वेक्षण पहाड़ी से होकर था। दूसरा किसानों की खाली पड़ी जमीनों से होकर और तीसरा होटलों के पास से गुजरना था। फोरलेन का पहला चरण नागचला तक चला। जबकि दूसरा चरण वहां से मनाली तक है।
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बगला में बड़ा घपला हुआ : बीआर कौंडल
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं से सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट बीआर कौंडल का आरोप है कि यह फोरलेन के निर्माण में बगला में बड़ा घपला हुआ है। न केवल एक करोड़ रुपये तक एक बीघे का मुआवजा देना पड़ा बल्कि बहुमंजिला भवनों का भी मोटा मुआवजा चुकाना पड़ा। जबकि इसकी जरूरत नहीं थी। इस पैसे को बचाया जा सकता था। एक होटल का अधिग्रहण किया गया और एक को फोरलेन से जोड़ा गया। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो तो कई अफसरों को जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ है। लेकिन केंद्र सरकार के कई अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
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मौके पर जाएगी सीबीआइ
सीबीआइ की एक टीम मौके का निरीक्षण करेगी। इसके लिए कसरत आरंभ हो गई है। जांच एजेंसी एनएचएआइ के अधिकारियों से भी रिकॉर्ड तलब करेगी। शिकायकर्ता के भी बयान कलमबद्ध किए जाएंगे।