टीबी मुक्त हिमाचल के लिए विशेष अभियान शुरू
जागरण संवाददाता, शिमला : टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के तहत नए मामलों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय
जागरण संवाददाता, शिमला : टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के तहत नए मामलों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश द्वारा एक विशेष अभियान एक्टिव केस फाइंडिंग (खोजो अभियान) शुरू कर दिया गया। इसके तहत घर-घर जाकर मरीजों के टीबी टेस्ट किए जा रहे हैं। 15 से शुरू हुआ यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षित कर टीमों का गठन किया गया है, जिसमें आशा वर्कर्स व हेल्थ वर्कर्स को शामिल किया गया है। इसमें जिला शिमला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारसैन के अंतर्गत पंचायतों थानाधार, भुट्टी, जरोल, बड़ागांव, भरेड़ी में आशा कार्यकर्ता चयनित स्थानों में घर-घर जाकर लोगों से टीबी के लक्षणों के बारे में पूछताछ कर रही हैं और यदि उनमें टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो उनके बलगम के सैंपल लिए जा रहे जिनकी जाच लैब में की जाएगी। यदि टीबी की बीमारी पाई जाती है तो मरीजों को उपचार के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्य का निरीक्षण करने के लिए भी टीम गठित की गई है। टीम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थानाधार डॉ. खेमचंद, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक अनमोल राज कौंडल व महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने निरीक्षण कर पाया कि इस अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को 10 पंचायतों में 9482 लोगों में से 1500 लोगों का निरीक्षण किया गया जिसमें एक व्यक्ति के सैंपल में संदेह पाया गया है और उसे अस्पताल आकर सभी टेस्ट करवाने की सलाह दी गई।
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ये लक्षण दिखें तो तुरंत करवाएं जांच
टीबी के टेस्ट के लिए आधुनिक तकनीक से लैस एसबी नॉट मशीन लगाई गई है। जब इस मशीन में टेस्ट किए जाते हैं, तो वह टीबी रोगियों की शुरुआती चरण में ही पहचान हो जाती है। इस अभियान में छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाता है। जिन लोगों में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं जैसे दो सप्ताह से ज्यादा खासी, शाम के समय बुखार आना, खासते समय बलगम में खून आना, छाती में दर्द होना या सास फूलना, गर्दन या बगल में गाठे होना और भूख व वजन कम होना हो तो उन्हें तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जाकर स्वास्थ्य जांच करवा लेनी चाहिए। जिससे इस बीमारी को धीरे-धीरे खत्म किया जा सकता है।
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टीबी रोगियों का पता लगाने व उनके उपचार के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा। यदि किसी को टीबी के लक्षणों में से कोई एक भी लक्षण हो, तो वह अवश्य बताएं। रोग को न छुपाएं, ताकि टीबी पाए जाने पर इलाज समय पर शुरू किया जा सके।
-अनमोल राज कौंडल, अतिरिक्त वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक।