शिमला को श्यामला बनाने की मुहिम, सरकार करेगी विचार
जागरण संवाददाता, शिमला : हिल्स क्वीन यानी शिमला का नाम फिर से श्यामला करने की मुहिम तेज हो ग
जागरण संवाददाता, शिमला : हिल्स क्वीन यानी शिमला का नाम फिर से श्यामला करने की मुहिम तेज हो गई है। मामला सरकार के पास पहुंचा तो सरकार ने भी इस पर विचार करने का आश्वासन दे दिया। सोशल मीडिया पर दो दिन से शिमला का नाम बदलने को लेकर कई लोग पोस्ट शेयर कर रहे हैं। कई पक्ष में हैं तो कुछ विरोध कर रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रांत कार्यालय नाभा में वीरवार को कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार हिस्सा लेने पहुंचे थे। कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्री को सुझाव भी दिया कि शिमला का नाम श्यामला कर दिया जाए। इसके बाद जब मीडिया से औपचारिक बातचीत हुई तो मंत्री ने कहा कि देशभर में अंग्रेजों और पूर्व में आए आक्रांताओं ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ की है। इसमें सुधार होना चाहिए। इलाहाबाद का नाम भी प्रयागराज कर दिया गया है। सरकार के स्तर पर शिमला का नाम बदलने पर चर्चा की जाएगी।
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श्यामला से शिमला तक
शिमला में माल रोड के पास 1845 में निर्मित कालीबाड़ी मंदिर देवी श्यामला को समर्पित है। इसलिए इसे श्यामला कह जाता था। अंग्रेज सही नाम नहीं बोल पाते थे। वह श्यामला को सिमला कहते थे। उनके जाने के बाद भी अंग्रेजी भाषा में सिमला ही लिखा जाता था। बाद में इसे शिमला किया गया। सात चोटियों और 12 किलोमीटर लंबाई में अर्ध चक्र आकार में बसे इस शहर को पूरे वर्ष ठंडी हवाएं बहने का वरदान मिला है। ब्रिटिशकाल की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला में अंग्रेज अपने देश इंग्लैंड की झलक देखते थे। यही वजह है कि उन्होंने शिमला को इंग्लैंड की शक्ल देने की भरसक कोशिश की। यहा इंग्लैंड की तर्ज पर कई भवनों का निर्माण किया गया है। शिमला शहर चंडीगढ़ से 114 किलोमीटर दूर उत्तर में लगभग 2200 मीटर की ऊंचाई पर लघु हिमालय की पर्वत चोटियों पर स्थित है।
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पूर्व कांग्रेस सरकार ने भी दिया था आश्वासन
हिमाचल में आज भी गुलामी के चिह्न दिखाई देते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलकर विधानसभा में गुलामी के चिह्न हटाने का प्रस्ताव पारित करना चाहिए। डलहौजी का नाम सुभाष नगर, पीटरहॉफ का नाम महर्षि वाल्मीकि सदन, शिमला का नाम श्यामला और नूरपुर का नाम वजीर राम सिंह पठानिया नगर होना चाहिए। पिछली वीरभद्र सरकार के समक्ष भी यह मामला उठाया गया था। अब भाजपा की सरकार है और मुख्यमंत्री के नाम के आगे जयराम लिखा है। वह पहल करेंगे तो उनका सम्मान हिमाचल ही नहीं, पूरे देश में होगा।
-मनोज कुमार, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रभारी।