Holi 2020: होली के त्योहार पर ठंड और कोरोना की मार, बाजार का बुरा हाल
Holi 2020 होली के त्योहार पर इस बार कड़कड़ाती ठंड के साथ कोरोना का खौफ देखा जा रहा है लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं।
शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला में रंगों के त्योहार होली पर इस बार कड़कड़ाती ठंड और कोरोना के खौफ की मार पड़ी है। एक तरफ जहां ठंड की वजह से लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं, वहीं कोरोना की वजह से बाजार में रौनक दिखाई नहीं दे रही है। लोअर बाजार के कारोबारी राजेश और अशोक कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस के फैले डर की वजह से कारोबार मंदा हो गया है। वहीं लगातार बारिश और बढ़ती ठंड की वजह से लोग खरीदारी कम कर रहे हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस साल कारोबार 50 फीसद मंदा हुआ है। जहां हर साल 90 से 100 किलो रंग बिक जाता था, वहीं इस बार केवल 30 से 40 किलो रंग की ही डिमांड है। बाजार से ग्राहक केवल 50 से 100 ग्राम कलर की पैकिंग ही लेकर जा रहे है।
वाटर बैलून भी बच्चों को कर रहे आकर्षित
मछली वाली पिचकारी के साथ ही डबल ड्रैगन, स्पाइडर टैंक, बार्बी टैंक, बेनटेन, डोरेमोन, छोटा भीम, मोटू-पतलू जैसे कार्टून कैरेक्टर के जरिए रंगों की बौछार की जाएगी। बाजार में रेड, ब्लू, ग्रीन, चेरी, यलो, व्हाइट, पिंक सहित अनेक कलर उपलब्ध हैं। यह कलर अरारोट के बने हैं। इन रंगों में समाहित खुशबू और कोमला के आधार पर इनकी अलग रेंज उपलब्ध है। साथ ही वाटर बैलून 10 से लेकर 50 रुपये तक अलग डिजाइन उपलब्ध है।
चाइनीज पिचकारियां बाजार से गायब
इस बार बच्चों को लुभाने वाली चाइनीज पिचकारियां भी बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। इन सब परिस्थितियों के बावजूद कारोबारियों ने ग्राहकों को लुभाने के लिए उत्पाद बाजार में उतारे हैं। अभिभावक भी बच्चों के लिए पिचकारियों की कम डिमांड कर रहे हैं।
बाजार में हर्बल रंगों की मांग
लोअर बाजार पंसारी की दुकान पर इस बार नए हर्बल रंग आए हैं। हर्बल रंग राजस्थान के जयपुर और दिल्ली से लाए गए हैं। इसकी लोगों की ओर से मांग की जा रही है। वहीं बाजार में खिलौने की दुकानों में बच्चों के लिए पिचकारियों भी रखी गई हैं। ये 30 से लेकर 500 रुपये तक अलग डिजाइनों में उपलब्ध हैं। बाजार में गुलाल के साथ ही रंग-विरंगी पिचकारियां सजी हुई हैं। बच्चों के लिए खासतौर पर कार्टून कैरेक्टर पिचकारी ही बाजार में है।
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