राजधानी के जलसंकट पर हरकत में सरकार
राजधानी शिमला में गर्मियों में आए जलसंकट पर सरकार गंभीर है।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में गर्मियों में आए जलसंकट पर सरकार गंभीर है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को आइपीएच मंत्री सहित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुद्दे पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए।
जयराम ठाकुर ने बताया कि सतलुज नदी से जलापूर्ति योजना के संवर्धन के लिए 322.5 करोड़ रुपये की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया है। यह परियोजना दिसंबर 2021 तक पूरी हो जाएगी और शिमला शहर में 24 घटे पानी की आपूर्ति होगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड वितरण नेटवर्क के सुधार के लिए काम करेगा, जिसके लिए सलाहकार की ओर से बोली दस्तावेज तैयार किए गए हैं और यह कार्य मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। अल्पकालिक उपायों के तौर पर 17 एमएलडी की कुल क्षमता के साथ फीडर लाइन सहित नौ भंडारण टैंकों का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें से सात साइटों को अंतिम रूप दे दिया गया है और 25.50 करोड़ रुपये खर्च कर कार्य अप्रैल 2019 तक पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिसाव को कम करने के लिए स्नोडाउन पंप हाउस में राइजिंग मेन और पंपिंग मशीनरी को बदला जाएगा। सिंचाई और जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से 63 करोड़ की लागत से सतलुज से जल आपूर्ति योजना गुम्मा का संवर्धन किया जा रहा है। यह कार्य अप्रैल 2019 तक पूरा हो जाएगा और कमजोर मौसम के दौरान गुम्मा जल उपचार संयंत्र में पानी की उपलब्धता में सुधार होगा।
गिरि राइजिंग मेन के प्रतिस्थापन का कार्य आवंटित कर दिया गया है, जो अगले वर्ष मार्च तक 6.80 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा। पंपिंग दक्षता में सुधार के लिए उठाऊ जल आपूर्ति योजना गुम्मा में चार पंपों के प्रतिस्थापन के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। यह कार्य तीन करोड़ रुपये खर्च कर अगले वर्ष फरवरी तक पूरा किया जाएगा।
उपभोक्ताओं को शुद्ध पेयजल प्रदान करने के लिए जल उपचार संयंत्र का यूवी उपचार और क्लोरीनेशन मार्च तक पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मुख्य पाइप लाइनों के साथ वितरण लाइनों से रिसाव को प्लग करने के निर्देश दिए
सिंचाई और जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि शिमला शहर के लोगों को भविष्य में पानी के संकट का सामना न करना पडे़। जनता तथा शहर में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए विभिन्न भागों में 25 जल एटीएम स्थापित किए जाएंगे।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकात बाल्दी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव आइपीएच देवेश कुमार, उपायुक्त अमित कश्यप, प्रमुख अभियंता सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग अनिल बाहरी, मुख्य अभियंता सुमन विक्रांत, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड धर्मेद्र गिल और प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।