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जयराम ने केंद्र से मांगी 1700 करोड़ रुपये की पांच योजनाएं

जलवायुगत परिवर्तनों के मद्देनजर मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की दो बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 02:46 PM (IST)
जयराम ने केंद्र से मांगी 1700 करोड़ रुपये की पांच योजनाएं
जयराम ने केंद्र से मांगी 1700 करोड़ रुपये की पांच योजनाएं

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के लिए 1700 करोड़ की पांच योजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की। इस दौरान हिमाचल सरकार द्वारा भेजी गई पांचों परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

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उन्होंने जलवायुगत परिवर्तनों के मद्देनजर मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की दो बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि हिमाचल सरकार द्वारा वनों व पारिस्थितिकीय संतुलन को बरकरार रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों को केंद्र मजबूती प्रदान करने में पूरी मदद करेगा। प्रदेश सरकार जो भी परियोजनाएं तैयार कर भिजवाएगी, उनका विस्तृत अध्ययन कर तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति शीघ्र प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश के पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक नाबार्ड के माध्यम से 1644 करोड़ 32 लाख की अनुमानित लागत के दो परियोजनाएं केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजी हैं। इनमें 1125.32 करोड़ की जल संरक्षण एवं प्राकृतिक जल संसाधनों के सामुदायिक प्रबंधन के लिए है। दूसरी 492 करोड़ की परियोजना वन प्रबंधन पर आधारित है।

तीन योजनाएं भी केंद्र के पास

प्रदेश से जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुकूलन कोष के तहत 57 करोड़ की तीन अन्य परियोजनाओं को भी मंजूरी के लिए भेजा है। इनमें कुल्लू जिला में स्थित पार्वती घाटी में ग्लेशियरों के निरंतर सिकुडऩे और इससे बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने के लिए 20.49 करोड़ की परियोजना शामिल है। वहीं बंजार घाटी में जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत कृषि व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 19.92 करोड़ की परियोजना और कुल्लू जिला में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देकर वनों पर दबाव कम कर पारिस्थितिकी संतुलन को बरकरार रखने के लिए तैयार की गई 17.34 करोड़ की परियोजना शामिल है। पर्यटन विकास के लिए 300 करोड़ की तीन प्रमुख योजनाओं के लिए मांगा धन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फोंस से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 300 करोड़ की तीन प्रमुख पर्यटन योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय राज्यमंत्री को हिमाचल आने का भी न्योता दिया, जिसे स्वीकार कर लिया। हालांकि केंद्रीय राज्यमंत्री कब आएंगे, इसकी तारीख का अभी ऐलान नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने उनके सामने पर्यटन से जुड़े मुद्दे उठाए। जयराम ने केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित करने, ईको एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने और अछूते पर्यटन स्थलों को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से अंकित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार 300 करोड़ लागत की तीन योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र द्वारा इस पर्वतीय राज्य में पर्यटन संभावनाओं के दोहन व विस्तार के लिए भरपूर  सहयोग प्रदान किया जाएगा। मंत्री ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हिमाचल में पर्यटन के विस्तार व संभावनाओं के दोहन के बारे में राज्य के अधिकारियों को प्रजेंटेशन के लिए यहां बुलाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन पर जितना फोकस होना चाहिए था, उतना इससे पहले नहीं हो पाया। अब राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।


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