मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को विस्तार
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रवासी मजदूरों और शहरी बेरोजगारो
राज्य ब्यूरो, शिमला : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रवासी मजदूरों और शहरी बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को प्रदेश सरकार ने विस्तार प्रदान कर दिया है। इस योजना को कोरोना काल के दौरान बीते वित्तीय वर्ष के लिए आरंभ किया गया था। यह योजना 31 मार्च, 2021 में समाप्त होनी थी।
शहरी विकास विभाग ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को इस वित्तीय वर्ष के लिए भी लागू कर दिया है। इस संबंध में मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी। इसके तहत शहरी क्षेत्र में इस योजना के तहत पंजीकरण करवाने वाले परिवार के सदस्यों को 120 दिन का रोजगार शहरी निकायों, नगर निगम, नगर परिषदों व नगर पंचायतों में प्रदान करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना के तहत शहरी निकाय में रहने वाला कोई भी व्यक्ति योग्य होगा। परिवार में पति-पत्नी और उनके नाबालिग बच्चे शामिल होंगे। योजना के तहत रोजगार जो बालिग हैं और जिनकी आयु 65 वर्ष से कम है, उन्हें ही दिया जाएगा। इस योजना के लाभार्थियों को दीनदयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा जिससे वह अपनी आजिविका को और बेहतर कर सकें।
------
300 रुपये प्रतिदिन मजदूरी मिलेगी
योजना के तहत लाभार्थी को 15 दिन के भीतर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। यदि किसी भी पात्र लाभार्थी को उक्त अवधि के भीतर रोजगार नहीं दिया जाता है तो वह योजना के तहत 75 रुपये प्रतिदिन की दर से बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने का भी हकदार होगा। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थी को न्यूनतम मजदूरी 300 रुपये प्रतिदिन दी जाएगी। मजदूरी का भुगतान 15 दिन का रोजगार समाप्त करने के बाद सात दिन की अवधि के भीतर बैंक खाते में किया जाएगा।