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बर्फीली गाय चुरु के लिए केंद्र की शरण में हिमाचल

राज्य ब्यूरो, शिमला : बर्फीली गाय चुरु के साथ याक को बचाने के लिए हिमाचल सरकार केंद्र की

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 07:34 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 07:34 PM (IST)
बर्फीली गाय चुरु के लिए केंद्र की शरण में हिमाचल
बर्फीली गाय चुरु के लिए केंद्र की शरण में हिमाचल

राज्य ब्यूरो, शिमला : बर्फीली गाय चुरु के साथ याक को बचाने के लिए हिमाचल सरकार केंद्र की शरण में जा रही है। चुरु बर्फानी गाय है जबकि याक को तिब्बत का बैल भी कहा जाता है। यह दोनों लुप्त हो रहे जानवरों की प्रजातियों की सूची में शामिल हैं। इसकी क्रॉस ब्रीडिंग से उनका अस्तित्व खतरे में है। चुरु के दूध में सात से 17 फीसद तक वसा यानी फैट पाई गई है। इतनी ज्यादा वसा आज तक किसी भी गाय, भैंस, बकरी, भेड़ या अन्य जानवर के दूध में नहीं पाई गई है। यही कारण है कि इसके दूध की बनी दही और पनीर की बहुत ज्यादा मांग है और तिब्बत के लिए आपूर्ति भी होती है। हिमाचल सरकार इसके संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये का प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसमें चुरु और याक पर शोध होगा। दूध के वैज्ञानिक लाभ के साथ इसका संरक्षण किया जाएगा।

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याक और चुरु समुद्र तल से 10 हजार फुट से 18 हजार फुट के मध्य पाए जाते हैं। इनके शरीर की बनावट इस तरह की है कि यह शून्य से माइनस 40 डिग्री तापमान में भी जीवित रह सकते हैं। जनजातीय क्षेत्रों लाहुल स्पीति, किन्नौर, कूल्लू में पाई जाने वाली चुरु और याक की संख्या वर्ष 2012 की पशु गणना के अनुसार 2921 है। यह काले, भूरे, सफेद या धब्बेदार रंग की होती है। इसका शरीर घने, लंबे और खुरदरे बालों से ढंका हुआ होता है। याक की पूंछ काफी घनी, गोल और झबरी रहती है। याक की मादा यानी चुरु 257 से 270 दिन में बच्चे को जन्म देती है। पालतू याक किसानों द्वारा खेती-बाड़ी में काम आते हैं।

कहां-कहां याक की सवारी

शिमला के निकट स्थित कुफरी, मनाली में हिडिम्बा देवी मंदिर के पास याक की सवारी का मौका मिलता है। इन स्थानों के अलावा सिक्किम में भी कई जगह लोग याक की सवारी का लुत्फ उठाते हैं। वहा पर तो तो याक की सवारी पर लंबी दूरी का आनंद भी लिया जा सकता है। बर्फीले क्षेत्रों में पाई जाने वाली चुरु गाय का नाम बदलकर हिमचुरु रखा जाएगा। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए करोड़ों रुपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।

-विरेंद्र कंवर, पशुपालन मंत्री हि.प्र. चुरु व याक के संरक्षण के लिए याक ब्रीडिंग फार्म स्पीति के लरी में स्थापित है। वहां पर 50 के करीब याक रखे गए हैं। चुरु के दही और पनीर की बहुत मांग है।

डॉ. स्वदेश चौधरी, निदेशक पशुपालन विभाग


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