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पिता की लापरवाही से गाड़ी में बंद हुआ बच्चा, इस तरह बची जान

राजधानी के कमला नेहरू अस्पताल के बाहर हुई घटना। डॉक्टर से जांच करवाने गई थी मां, पिता के बाहर निकलने पर गाड़ी हो गई लॉक।

By Edited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 09:58 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 08:56 AM (IST)
पिता की लापरवाही से गाड़ी में बंद हुआ बच्चा, इस तरह बची जान
पिता की लापरवाही से गाड़ी में बंद हुआ बच्चा, इस तरह बची जान

शिमला, जेएनएन। कमला नेहरू अस्पताल में वीरवार को तीन साल के एक बच्चे को गाड़ी के अंदर बंद हो जाने की घटना गंभीर हादसे में तबदील होने से बच गई। बच्चे के अभिभावक चौपाल निवासी हैं। घटना दोपहर को उस समय हुई जब बच्चे की मां डॉ. के पास चेकअप के लिए गई हुई थी और बच्चा व उसका पिता गाड़ी में बैठ इंतजार कर रहे थे। कुछ समय बाद पिता किसी कारण बाहर निकले और गाड़ी सेंटर लॉक होने पर लॉक हो गई। गाड़ी की चाबी गाड़ी के अंदर ही रह गई। कुछ देर तो बच्चा भी पिता के मोबाइल से खेलता रहा परंतु ज्यों ही उसे पिता की नामौजूदगी समझ आई और बाहर जाने का रास्ता नहीं मिला तो बच्चा डर कर रोने लगा और गाड़ी की खिड़की पर जोर-जोर से हाथ मारने लगा।

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अस्पताल परिसर में खड़ी की गई गाड़ी में छोटे बच्चे के अंदर बंद हो जाने से लोगों में हलचल मच गई। पिता व आसपास खड़े लोगों ने गाड़ी का शीशा खोलने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। आखिर में लोगों के कहने पर सुन्नी निवासी भीष्म शर्मा ने पत्थर से शीशा तोड़ कर बच्चे को बाहर निकाला। इस घटना से अभिभावक की लापरवाही भी सामने आती है कि तीन वर्ष के बच्चे को पिता मोबाइल थमा बाहर निकल गया, जबकि आए दिन इस प्रकार की अप्रिय घटना घटनाएं सुनने में आती रहती हैं।


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