जानकारी ही नहीं तो बैठक में क्यों आए
'बैठक में आना हो तो पूरी जानकारी के साथ आया करें।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला
'बैठक में आना हो तो पूरी जानकारी के साथ आया करें। जब जानकारी ही नहीं है तो बैठक में क्यों आते हो।' मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने ये तेवर मंगलवार को बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए आयोजित पोषण अभियान की बैठक में दिखाए। उन्होंने बैठक में बिना जानकारी आए दो अधिकारियों की क्लास लगा दी और उन्हें घर भेज दिया।
मुख्य सचिव बैठक में जानकारी ले रहे थे कि विभागों द्वारा क्या-क्या किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से पूछा। दो अधिकारियों ने जानकारी होने से साफ इन्कार कर दिया और कहा कि यह कार्य कोई और अधिकारी देखते हैं। इस पर बीके अग्रवाल ने कहा कि जानकारी ही नहीं है तो इस तरह बैठक में आकर करना क्या है? कुपोषण ऐसे दूर नहीं होगा जब जानकारी व रिपोर्ट ही नहीं होगी। बैठकें सिर्फ बैठने के लिए तो नहीं हैं। बैठक में बाल विकास परियोजना, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, शिक्षा विभाग और सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे। कुपोषण व नाटेपन की दर 15 प्रतिशत लाना लक्ष्य
पोषण अभियान का लक्ष्य कुपोषण व नाटेपन की दर को 26 प्रतिशत से घटाकर वर्ष 2022 तक 15 प्रतिशत तक लाना है। कुपोषण रोकने के लिए हिमाचल में पोषण अभियान चंबा, हमीरपुर, सोलन, शिमला और ऊना जिलों में चलाया जा रहा है। पोषण अभियान में छ8 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल किए गए हैं। बाकी जिलों को वर्ष 2019-2020 में अभियान से जोड़ा जाएगा। अभियान में चिकित्सा अधिकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में कुपोषण, रक्त की कमी और अन्य पोषण जन्य विकारों का निदान, रोकथाम और उपचार किया जा रहा है। स्मार्टफोन से बच्चों की निगरानी
पोषण अभियान के तहत स्मार्टफोन से बच्चों के स्वास्थ्य, वजन और खानपान पर नजर रखी जा रही है। पांच जिलों की 8000 आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए गए हैं। स्मार्टफोन के माध्यम से पूरी जानकारी रखी जाती है।