मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा मित्रा दोषी हुए तो बचेंगे नहीं
जिसने गलत नहीं किया उसे डरने की जरूरत नहीं, मित्रा मामले से जुड़ी फाइलें देखेंगे मुख्यमंत्री।
शिमला, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा के कथित रिश्वतखोरी मामले में प्रदेश सरकार गुण-दोष के आधार पर कार्रवाई करेगी। अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस मामले का अध्ययन कर रहे हैं। वह इससे जुड़ी जानकारियां जुटाकर संबंधित फाइलें देखेंगे। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि मित्रा मामले की जांच पहले हो चुकी है। चाहे व्यक्ति बड़ा हो या छोटा, कानून सबके लिए बराबर है।
सरकार बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करेगी। जिसने गलत नहीं किया है, उसे डरने की जरूरत नहीं है। निर्दोष को तंग नहीं किया जाएगा मगर दोषियों को नहीं बख्शेंगे। अगर मित्रा या किसी अन्य का कसूर पाया गया तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
मित्रा मामले में सात साल पहले केस दर्ज हुआ था। बुनियादी तौर पर यह मामला मौजूदा सरकार के कार्यकाल का नहीं है। यह अभी कानून की पेचीदगियों से गुजर रहा है। कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी फाइल हो चुकी थी। इसे स्वीकार नहीं किया गया। अब इस विषय पर चर्चा हो रही है। विजिलेंस जांच कर रही है। मैं
इस संबंध में जानकारी ले रहा हूं।
सरकार पी मित्रा मामले में गुण और दोष के आधार पर कार्रवाई करेगी। यह मामला सरकार के विचाराधीन
है। विजिलेंस जांच कर रही है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि जांच निष्पक्ष हो। लेकिन कानून तोड़ने वाले चाहे कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, उस पर सख्ती होगी।
-बीके अग्रवाल, मुख्य सचिव
मित्रा की मुश्किलें बढ़ीं
राज्य निर्वाचन आयुक्त पी मित्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें सरकार की ओर से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। नए मुख्य सचिव ने भी इस मामले में कानूनन कार्रवाई करने के साफ संकेत दे दिए हैं। गैर हिमाचलियों को भू-राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत स्वीकृतियां देने के बदले कथित तौर पर रिश्वत की मांग करने के मामले में मित्रा पर शिकंजा कसा है।
नौकरी से नहीं हटाए जाएंगे पीटीए शिक्षक
पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के मामले में सरकार ने सकारात्मक कदम उठाने के संकेत दिए हैं।
अभी इनका मामला कानूनी पेचीदगियों के बीच उलझा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि सरकार इन शिक्षकों के मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाएगी। किसी भी शिक्षक को नौकरी से नहीं हटाया
जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के लिए बीच का रास्ता अख्तियार करेगी। उनकी जिंदगी का अहम वक्त स्कूलों में सेवाएं देने में गुजर गया है। अब मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाना जरूरी है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट व प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के बीच में है। सरकार कोई न कोई समाधान निकालेगी। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा है कि सरकार दो महीने के भीतर अनुबंध शिक्षकों को नियमित करे।
12 साल पहले हुई थी नियुक्ति
6800 के करीब पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2006-07 में हुई थी। तब प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी। इसके बाद भाजपा की सरकार आई तब इस मामले में जांच बैठाई गई। दिसंबर 2012 में कांग्रेस सत्ता में आई। पांच साल आश्वासन दिए मगर शिक्षक नियमित नहीं हो पाए। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पूर्व विजन दस्तावेज में पीटीए शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था। जयराम सरकार भी इन्हें नियमित नहीं कर पाई।