एचआरटीसी के डीएम दलजीत सिंह चार्जशीट
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) धर्मशाला मंडल के निलंबित मंडलीय प्रबंधक दलजीत सिंह को चार्जशीट किया गया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) धर्मशाला मंडल के निलंबित मंडलीय प्रबंधक (डीएम) दलजीत सिंह को सरकार ने चार्जशीट कर दिया है। आरोपित अधिकारी को निगम के प्रबंध निदेशक ने चार्जशीट थमाई है। अब इनके खिलाफ नियमित विभागीय जांच चलेगी।
एचआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) एचके गुप्ता ने इस मामले में प्रारंभिक जांच की थी। दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। दैनिक जागरण ने गत 21 जून को 'रिकवरी वसूलने की बजाय मृत घोषित किया लाइसेंसी' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। दलजीत सिंह ने हमीरपुर के डीएम रहते निगम के ऊना स्थित एक जिंदा लाइसेंसी (किरायेदार) को मृत घोषित कर दिया था। उससे 61 लाख रुपये किराये की रिकवरी होनी थी। सीजीएम ने अपनी जांच में डीएम को दोषी पाया। इसमें पाया गया कि अधिकारी ने बिना रिकॉर्ड चेक किए ही लाइसेंसी को मृत घोषित किया। इसे गंभीर चूक माना गया। इसके आधार पर परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आरोपित अधिकारी को सस्पेंड करने के आदेश दिए। सरकार ने आरोपित अधिकारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए थे। लेकिन यह एफआइआर दर्ज नहीं हो पाई। मंत्री के आदेश के बाद निगम प्रबंधन ने दलजीत सिंह को 10 अगस्त को सस्पेंड कर दिया था। वह बहाल नहीं हो पाए हैं। तीन महीने के बाद सरकार ने उन्हें चार्जशीट किया है। टायर घोटाले में भी आरोपित
निलंबित डीएम करीब 70 लाख रुपये के टायर घोटाले में भी आरोपित हैं। इस मामले में विभागीय जांच के बाद सरकार ने पेनेल्टी के तौर पर उनकी तीन इंक्रीमेंट बंद कर दी थीं। वसूलने हैं 80 लाख रुपये
ऊना में नौ लाइसेंसी से करीब 80 लाख रुपये वसूले जाने हैं। इससे पूर्व इस राशि को वसूलने में गंभीरता नहीं दिखाई गई है। कड़ी कानूनी कार्रवाई हो
निलंबित डीएम के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई हो। एफआइआर दर्ज करने के सरकार के आदेश का पालन किया जाए।
शंकर सिंह ठाकुर, अध्यक्ष, हिमाचल परिवहन मजदूर संघ