एचपीवी वैक्सीन से दूर हो सकता है सर्विक्स कैंसर
महिलाओं में कैंसर के मामलों में स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल यानी ग्रीवा कैंसर दूसरा ऐसा कैंसर है जिसके कारण महिला मृत्यु दर बढ़ रही है। जबकि सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध है और संक्रमण को रोकती है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : स्तन कैंसर के बाद सर्विक्स कैंसर (गर्भाश्य के मुंह का कैंसर) दूसरा ऐसा कारण है जिससे महिला मृत्यु दर बढ़ रही है। सर्विक्स कैंसर को रोकने के लिए ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन उपलब्ध है। एक अनुमान के अनुसार सर्विक्स कैंसर के लिए वैक्सीन होने की जानकारी हिमाचल की 60 फीसद से अधिक लड़कियों व महिलाओं को नहीं है।
हिमाचल में कितनी महिलाओं को एचपीवी वैक्सीन दी गई है, इसका कोई डाटा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। सर्विक्स कैंसर से कई मौतों के बाद दिल्ली और पंजाब में अभियान के तहत नौ से 14 वर्ष की लड़कियों को यह वैक्सीन दी गई है। विश्व कैंसर दिवस पर हार्वर्ड स्कूल ऑफ हेल्थ इंडिया रिसर्च सेंटर की ओर से वेबीनार (वेब सेमिनार) का आयोजन किया गया। इस दौरान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. नीरजा भाटिया ने बताया कि एचपीवी वैक्सीन नौ वर्ष से लेकर 21 वर्ष की लड़कियों को देने की सिफारिश की जाती है। इसकी तीन डोज दी जाती हैं जिस पर करीब 2500 रुपये खर्च आता है। भारत में भी इस वैक्सीन को बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दो से तीन वर्षो में यह वैक्सीन भारत में बनने की उम्मीद है।