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जयराम ने केंद्र से मांगी हिमालयन रेजीमेंट और महिला बटालियन

CM demand Himalayan Resiment मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र से हिमालयन रेजीमेंट और महिला बटालियन की मांग की है।

By Edited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 09:46 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 11:46 AM (IST)
जयराम ने केंद्र से मांगी हिमालयन रेजीमेंट और महिला बटालियन
जयराम ने केंद्र से मांगी हिमालयन रेजीमेंट और महिला बटालियन

शिमला, जेएनएन। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को नई दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हिमाचल के लिए हिमालयन रेजीमेंट की मांग की। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से महिला बटालियन प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने राजनाथ से मुलाकात के दौरान कहा कि हिमाचल के सैनिकों और अधिकारियों की वीरता को देशभर में जाना जाता है। प्रदेश के कई युवा सेना में सेवाएं दे रहे हैं। इसलिए हिमालयन रेजीमेंट बनाई जानी चाहिए। उन्होंने मंडी जिले में सुरक्षा की दृष्टि से प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए यह हवाई अड्डा बहुत उपयोगी साबित होगा।

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राजनाथ ने हिमालयन रेजीमेंट के साथ हवाई अड्डे के कार्य में तेजी लाने का आश्वासन दिया। वहीं, अमित शाह से मुलाकात के दौरान जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में आधी आबादी महिलाओं की है। प्रदेश में पुलिस की एक ही महिला बटालियन है। प्रदेश में महिला थाने खोले जाने के बाद से महिला जांच अधिकारियों की जरूरत है। ऐसे में प्रदेश की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक और महिला बटालियन प्रदान की जाए। उन्होंने सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने की भी मांग की ताकि इसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इस दौरान हिमाचल में विकास के साथ प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार पर चर्चा हुई। अमित शाह ने मुख्यमंत्री की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से भी मुलाकात की।

जनजातीय दर्जे के लिए 49 साल से संघर्ष कर रहा हाटी समुदाय

सिरमौर जिले में टौंस नदी के उस पार जोंसारा समुदाय को एसटी का दर्जा है जबकि इस पार हाटी समुदाय जनजातीय दर्जे के लिए करीब 49 साल से संघर्ष कर रहा है। दोनों समुदाय के रीति रिवाज मिलते जुलते हैं और इनके आपस में संबंध भी हैं। गिरिपार क्षेत्र की 127 पंचायतों में करीब पौने तीन लाख आबादी हाटी समुदाय की है। हाटी समुदाय की लोक संस्कृति, मेले, त्योहार, धार्मिक मान्यताएं और सामाजिक व आर्थिक पिछड़ापन साथ लगते उत्तराखंड के जोंसार बाबर जोंसारा समुदाय से एकदम मिलता-जुलता है। हाटी और जोंसारा समुदाय एक ही वंश के हैं। इसके बावजूद हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा नहीं मिला है। उत्तराखंड का जोंसार बाबर क्षेत्र वर्ष 1933 तक सिरमौर रियासत का ही हिस्सा था। गिरिपार क्षेत्र के लोग किसी समय अपनी फसलों को पीठ पर उठाकर एक साथ नजदीकी हाट (दुकान) में ले जाते थे। वे उन फसलों के बदले वर्षभर के लिए गुड़, सीरा, कपड़े, नमक आदि ले आते थे। एक साथ हाट में सामान ले जाने वालों को लोग उस दौरान हाटी कहते थे। हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित होने पर यह होगा फायदा -गिरिपार के युवाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। -केंद्र सरकार से विकास कार्यो के लिए अतिरिक्त मदद मिलेगी। -लुप्त होती जा रही हाटी लोक संस्कृति को नई पहचान मिलेगी। -विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक मदद मिलेगी।

हिमालयन रेजीमेंट की जरूरत क्यों

देश के पहले परमवीर चक्र विजेता थे पालमपुर के मेजर सोमनाथ। -1200 से अधिक हिमाचली जवानों ने अब तक देश की रक्षा के लिए जीवन का बलिदान दिया। -04 परमवीर चक्र और 1100 वीरता पुरस्कार मिले हैं हिमाचल के जवानों को। -02 परमवीर चक्र समेत चार सर्वोच्च सैन्य सम्मान मिले कारगिल युद्ध में हिमाचल के जवानों को। -1.25 लाख से अधिक हिमाचली जवान सेवा दे रहे थलसेना, वायुसेना व नौसेना में। करीब इतने ही पूर्व सैनिक देश सेवा कर चुके हैं प्रदेश के।

कई राज्यों के नाम पर सेना में रेजीमेंट

देश के कई राज्यों के नाम पर सेना में रेजीमेंट हैं। उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल दो रेजीमेंट हैं। हरियाणा में भी जाट और राजपूत नाम से सेना की दो रेजीमेंट हैं। लेकिन सेना में करीब एक हजार बहादुरी पुरस्कार हासिल करने वाले सैनिकों के राज्य हिमाचल के लिए सेना की एक भी रेजीमेंट नहीं है। हिमाचल का कोटा डोगरा रेजीमेंट में है लेकिन फैजाबाद में मुख्यालय होने के कारण वहा जाना पड़ता है। सेवानिवृत्त सैन्य जवानों को भी रिकॉर्ड के लिए फैजाबाद के चक्कर काटने पड़ते हैं। पूर्व सैनिक निगम ने इस मामले को कई बार रक्षा मंत्रालय, केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया है। वहीं, भर्ती कोटा बढ़ाने और कैंटीन स्टोर डिपोर्टमेंट (सीएसडी) की माग भी उठाई जाती रही है। जनसंख्या के आधार पर सर्वाधिक बहादुरी पुरस्कार हिमाचल को मिले हैं।

हिमाचल का सूरत-ए-हाल

  • कारगिल शहीद 52
  • वीरता पुरस्कार 998
  • परमवीर चक्र 4
  • अशोक चक्र 2
  • महावीर चक्र 10
  • कीर्ति चक्र 21
  • वीर चक्र 55
  • शौर्य चक्र 92
  • सेना, वायुसेना व नौसेना मेडल 453
  • बहादुरी पुरस्कार 164
  • अन्य मेडल 197

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