सीबीआइ ने कब्जे में लिया निजी संस्थान का रिकॉर्ड
छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने ऊना जिले में एक निजी संस्थान का रिकॉर्ड कब्जे में लिया है।
राजेश शर्मा, ऊना
छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने ऊना जिले के पंडोगा स्थित इंजीनियरिंग संस्थान पर कार्रवाई के बाद इसी जिले में एक अन्य निजी संस्थान का रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। यहां भी करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति का गोलमाल हुआ है। सीबीआइ ने छात्रों से भी पूछताछ की है। शनिवार को डीएसपी बलवीर शर्मा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर वीरेंद्र कश्यप और विजय कुमार व सीबीआइ के कर्मचारी प्रकाश चंद पर आधारित टीम ने यह कार्रवाई की।
सीबीआइ छात्रवृत्ति घोटाले के मास्टरमाइंड तक पहुंच गई है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड शिक्षा विभाग का कर्मचारी है जिसे सीबीआइ द्वारा हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान ही उसने जो खुलासा किया है, उसके आधार पर यह भी पता चला है कि कई ऐसे संस्थान हैं जहा उसने अपनी पत्नी के नाम पर हिस्सेदारी ले रखी थी। कई संस्थानों में कर्मचारी की हिस्सेदारी थी। छात्रवृत्ति घोटाले का पूरा नेटवर्क आरोपित के माध्यम से चलाया जा रहा था। गड़बड़ी कैसे की जा रही है, इसे लेकर आरोपित समेत उसके कई साथियों को जानकारी थी। हिमाचल प्रदेश में एक कंप्यूटर प्रशिक्षण देने वाली एजेंसी जिसकी संबंधता डोएक से थी, वह युवाओं को प्रशिक्षण देने के नाम पर उनके पैसे भी हड़प कर रही थी। यहा तक कि ऐसे संस्थानों में भी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों की डम्मी एडमिशन करके उनके नाम पर छात्रवृत्ति हड़प की जा रही थी। ऊना पहुंची सीबीआइ ने शनिवार को ऊना के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाईलिट) का पूरा रिकार्ड कब्जे में ले लिया है।
इस संस्थान की महिला डायरेक्टर छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त एक आरोपित की पत्नी बताई जा रही है। यह वही आरोपित है जो शिक्षा विभाग में कार्यरत था और फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ की पूछताछ के बाद यह खुलासा हुआ था और सीबीआइ ने यह कार्रवाई शुरू की है। इसमें शनिवार को तीन युवकों से भी पूछताछ की गई है जिन्होंने इस संस्थान में दाखिला ले रखा था। इसमें से कुछ छात्रों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें छात्रवृत्ति मिलने की कोई जानकारी नहीं है। उनके खाते कहा खोले गए थे और किसने खोले थे, यह भी उन्हें पता नहीं है।
सीबीआइ द्वारा की गई अभी तक जाच में यह भी खुलासा हुआ है कि छात्रवृत्ति घोटाले के मास्टरमाइंड इस आरोपित द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर कुछ संस्थानों में हिस्सेदारी की गई थी। इसकी जिले के उस इंजीनियरिंग संस्थान में भी हिस्सेदारी थी जो सीबीआइ के प्रमुख निशाने पर था। बताया जा रहा है कि प्रदेश में करीब आठ ऐसे कंप्यूटर शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों में ऐसी गड़बड़ी चल रही थी। इनमें चार को मान्यता थी जबकि चार बिना मान्यता के चल रहे थे। चार संस्थानों की डायरेक्टर महिला है जो इस मामले के मुख्य आरोपित एवं मास्टरमाइंड की पत्नी है। इसमें कुछ बड़े लोगों का हाथ होने की भी संभावना है।