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बसों में सौ फीसद सवारियां, बढ़ा कोरोना का खतरा

जागरण संवाददाता शिमला शहर के विकासनगर स्थित वर्षाशालिका में बस के इंतजार के लिए पांच

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 04:36 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 04:36 PM (IST)
बसों में सौ फीसद सवारियां, बढ़ा कोरोना का खतरा
बसों में सौ फीसद सवारियां, बढ़ा कोरोना का खतरा

जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के विकासनगर स्थित वर्षाशालिका में बस के इंतजार के लिए पांच लोग खड़े थे। सुबह के समय विकासनगर बस स्टॉप पर एक के बाद एक बसें आती रहीं लेकिन सभी बसों में 100 फीसद सीटें भरी होने के कारण कोई भी बस नहीं रुकी। तब कुछ लोगों ने बसों के न रुकने पर पैदल ही अपने गंतव्य की ओर चलना शुरू कर दिया और जो लोग चलने में असमर्थ थे वे वहीं बस के इंतजार में खड़े रहे।

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करीब साढ़े 10 बजे एक निजी बस पंथाघाटी की तरफ से आई। बस में कुछ सीटें खाली होने पर वह स्टॉप पर रुकी और बाकी बची सवारियां चढ़ने लगीं। अब बस में सभी सीटें 100 फीसद भर गई। परिचालक ने तब चालान होने के डर से बस को आगे के किसी भी बस ठहराव में नहीं रोका। जिस भी ठहराव में कोई सवारी उतर रही थी तो वह उतनी ही सवारियों को बस में बैठा रहा था। मुनाफे के चक्कर में निजी बस चालकों की यह लापरवाही लोगों पर भारी पड़ सकती है।

शिमला में जहां कोरोना के सैकड़ों मामले दर्ज हो रहे हैं, वहीं ऐसे समय पर लापरवाही की जगह एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है। सरकार व प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर बसों में चालक और परिचालक 100 फीसद सीटों पर सफर करवा रहे हैं। जबकि सरकार के आदेशानुसार बसों में 50 फीसद ही सवारियों को बैठाया जाना है। लोग भी कोरोना संक्रमण के डर को भूलकर बसों में बेखौफ सफर कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के फैलाव के कारण जिन स्थानों पर कम सवारियां मिल रही हैं वहां पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों को कम भेज रहा है। वहीं निजी बस ऑपरेटर तो सवारियों की संख्या को देखते हुए अपनी मनमर्जी करते हुए बसों को रूटों पर चलाते हैं, जिसका असर जनता को भुगतना पड़ रहा है। शाम के समय खड़े होकर करना पड़ता है सफर

शिमला में मौसम ने करवट बदल ली है और शाम के समय ठंड अधिक हो रही है। लोगों को एक तरफ कोरोना संक्रमण व दूसरी ओर ठंड का प्रकोप सता रहा है। लोग पैदल चलने से भी परहेज कर रहे हैं, इसलिए अपने घर की ओर निकलने के लिए बसों का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। शहर में दिन के समय तो लोग 100 फीसद सीटों में सफर कर रहे हैं, लेकिन शाम के समय परिवहन निगम व निजी बसों में शारीरिक दूरी के नियम को भूलकर सीटें पूरी भर जाने के बावजूद खड़े होकर भी सफर करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।


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