130 करोड़ के आठ प्रोजेक्टों को मंजूरी
स्मार्ट सिटी शिमला में विकास कार्य अब कागजों से बाहर निकलेंगे।
जागरण संवाददाता, शिमला : स्मार्ट सिटी शिमला में विकास कार्य अब कागजों से बाहर निकलेंगे। मंगलवार को मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में हुई निदेशक मंडल (बीओडी) की बैठक में स्मार्ट सिटी के 130 करोड़ रुपये के आठ प्रोजेक्टों को शुरू करने की प्रशासनिक मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा बीओडी ने करीब 450 करोड़ के प्रोजेक्टों को भी मंजूरी दी।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए कि सात दिन के भीतर सभी परियोजनाओं के चिह्नित स्थानों की निशानदेही प्रक्रिया को पूरा कर रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेजें। बैठक में शहर के कई अन्य प्रोजेक्टों को भी मंजूरी मिली है। जल्द ही स्मार्ट सिटी के तहत प्रस्तावित प्रोजेक्ट अब जमीन पर दिखने शुरू हो जाएंगे।
स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक टेक्नीकल नितिन गर्ग ने बताया कि शहर के विकास कार्यो को धरातल पर उतारने पर चर्चा की गई। बीओडी की बैठक में कई नए प्रोजेक्टों को भी मंजूरी दी गई है। इसमें छोटा शिमला से कसुम्पटी से एलीवेटिव वॉक बनाई जाएगी। जबकि बालूगंज में सड़क को चौड़ा कर स्मार्ट स्कूल बनाने, रिज मैदान पर गांधी की प्रतिमा के पास म्यूजिकल फव्वारे लगाने, और वार्ड की नालियों को दुरुस्त करने के लिए भी बीओडी की मंजूरी मिली है।
बैठक में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य सचिव के समक्ष स्मार्ट सिटी के लिए तैयार किए गए रोड मैप का प्रस्तुतिकरण भी दिया गया।
इन प्रोजेक्टों को मिली मंजूरी
- 32 करोड़ की लागत से आइजीएमसी में बनेगी मल्टी स्टोरी पार्किग।
- 23 करोड़ से आइजीएमसी-संजौली स्मार्ट पाथ बनेगा।
- 10 करोड़ से सर्कुलर रोड पर पैदल चलने वाला रास्ता बनाया जाएगा।
- छह करोड़ सर्कुलर रोड पर वाइडनिग पर खर्च होंगे।
- 33 करोड़ की लागत से सिटी प्वाइंट से मरीना होटल तक डक्टिंग बनाई जाएगी।
- 10 करोड़ से कृष्णा नगर और कौमली बैंक के नाले का चैनेलाइजेशन किया जाएगा।
- 12 करोड़ से हिम ऊर्जा को सोलर पैनल।
- 80 लाख रिपन अस्पताल में दो स्मार्ट एंबुलेंस और एक मृतक वाहन के लिए। स्मार्ट सिटी में पेपर लैस होगा काम
मुख्य सचिव ने आदेश दिए कि स्मार्ट सिटी का सारा कार्य पेपर लैस किया जाए। जो भी दस्तावेज अधिकारियों को सौंपे जाएं वह पीडीएफ फार्मेट में दिए जाएं। ताकि शिमला शहर स्मार्ट बन सके और यह शहर पर्यावरण मित्र भी रहे। आइआइटी रुड़की को 11 लाख की पेमेंट स्मार्ट सिटी से
शिमला के रिज मैदान के धंसते हिस्से के सर्वे की रिपोर्ट तैयार करने वाली आइआइटी रुड़की की टीम को 11 लाख रुपये की पेमेंट अब स्मार्ट सिटी के खाते से की जाएगी। बीओडी की बैठक में इसके लिए मंजूरी मिल गई है। पेमेंट होने के बाद आइआइटी रुड़की सर्वे रिपोर्ट निगर निगम शिमला को देगी। इसके बाद रिज के धंसते हिस्से को बचाने के लिए कवायद शुरू की जाएगी। फाइलों नहीं, धरातल पर दिखें काम : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव अनिल खाची ने अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि काफी समय कई काम लंबित पड़े हैं। प्रत्येक काम की टाइमलाइन फिक्स हो और अधिकारी इस टाइमलाइन का पूरा ध्यान रखें। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट अब जमीन पर दिखने चाहिएं न कि फाइलों में। प्रोजेक्ट के तहत अधिकारियों का ढुलमुल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।