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हादसे के बाद जागी सरकार, ब्लैक स्पॉट पर रिपोर्ट तलब

राज्य में 255 जगह ऐसी हैं, जहा पर बार-बार हादसे हुए हैं। 45 जगहें ऐसी हैं जहा बहुत ज्यादा दुर्घटनाएं होती रही हैं। सर्वे रिपोर्ट में दिसंबर 2010 से दिसंबर 2017 के सड़क हादसों का अध्ययन किया गया है।

By Edited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 12:37 PM (IST)
हादसे के बाद जागी सरकार, ब्लैक स्पॉट पर रिपोर्ट तलब
हादसे के बाद जागी सरकार, ब्लैक स्पॉट पर रिपोर्ट तलब

शिमला, राज्य ब्यूरो। मंडी के डरवाड़ में स्कूल के बच्चों को ले जा रही वैन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद प्रदेश सरकार हकरत में आ गई है। सरकार ने ब्लैक स्पॉट पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से रिपोर्ट तलब की है। पीडब्ल्यूडी के विशेष सचिव डीसी नेगी ने इसकी पुष्टि की है। उनके मुताबिक इस बार प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। पहले दो बार रिमाइंडर भेज गए थे, लेकिन विभाग पर इसका कोई असर नहीं हुआ। हालांकि नूरपुर हादसे के बाद ब्लैक स्पॉट दूर करने के क्या प्रयास किए गए, इसकी रिपोर्ट जरूर सौंपी है। लेकिन सरकार पूरे प्रदेश की रिपोर्ट चाह रही है। इसे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा जाना है। प्रदेश में सरकारी और गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 800 से अधिक ब्लैक स्पॉट हैं। इनमें से कितनों को तत्काल ठीक करने की जरूरत है, इसके लिए सरकार खास ध्यान देगी। हालांकि हादसों की दृष्टि से अत्यंत खतरनाक जगहों की याद तभी आती है, जब हिमाचल में कहीं हादसा होता है।

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राज्य में 713 ब्लैक स्पॉट

108 एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली जीवीके कंपनी के सर्वे के मुताबिक प्रदेश में 713 ब्लैक स्पॉट हैं। इनमें हादसों की संभावनाएं ज्यादा हैं, जबकि सरकार ऐसे करीब 100 स्थान बताती है। सर्वे में यह बात सामने आई है कि राज्य में 255 जगह ऐसी हैं, जहा पर बार-बार हादसे हुए हैं। 45 जगहें ऐसी हैं जहा बहुत ज्यादा दुर्घटनाएं होती रही हैं। सर्वे रिपोर्ट में दिसंबर 2010 से दिसंबर 2017 के सड़क हादसों का अध्ययन किया गया है।

कब होते हैं ज्यादा हादसे

सड़क दुर्घटनाएं सप्ताह के आखिर में, अवकाश और छुट्टियों में ज्यादा होती हैं। ये न केवल प्रदेश के लोगों द्वारा की गई यात्राओं से बल्कि इस दौरान पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी से भी होती हैं। दिन और घटों के हिसाब से किए गए विश्लेषण के आधार पर पाया गया कि सड़क दुर्घटनाएं सबसे ज्यादा सप्ताह के अंत में और शाम के समय 2 से 9 बजे के बीच में होती हैं। दुर्घटनाएं छुट्टियों में मई से अगस्त होते हैं। अक्टूबर व नवंबर जब दीवाली की छुट्टिया होती हैं, में भी अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। हादसों में युवा वर्ग ही अधिक शिकार होते हैं। राज्य में हादसे के शिकार 40 फीसद युवा ही हैं।


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