कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा की परिवर्तन रथयात्रा
भाजपा की परिवर्तन रथ यात्रा का शुभारंभ रविवार को चारों संसदीय क्षेत्रों में हुआ। शिमला संसदीय हलके की रथयात्रा की शुरुआत सिरमौर जिले के हरिपुरधार से हुई।
जागरण टीम, शिमला : भाजपा की परिवर्तन रथ यात्रा का शुभारंभ रविवार को चारों संसदीय क्षेत्रों में हुआ। शिमला संसदीय हलके की रथयात्रा की शुरुआत सिरमौर जिले के हरिपुरधार से हुई, जिसका शुभारंभ उतराखंड के मु यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया। जनसभा में धूमल ने कहा कि जब भ्रष्टाचार हावी होने लगे तो लोगों को सड़क पर उतरना ही पड़ता है। भाजपा भी प्रदेश से भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर परिवर्तन रथ यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने में पुरी तरह नाकाम रही है। प्रदेश की जनता कांग्रेस से तंग आ चुकी है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बदलाव के संकेत दिख रहे हैं। हिमाचल में बीजेपी का मिशन 60 प्लस कामयाब होगा। इस दौरान सांसद वीरेन्द्र कश्यप भी मौजूद रहे।
कांगड़ा हलके की रथयात्रा ऐतिहासिक नगरी बैजनाथ से हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक ने रथयात्रा को रवाना किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। शिमला नगर निगम के बाद प्रदेश की सत्ता में भी बदलाव होगा। सांसद शांता कुमार ने कहा कि परिवर्तन रथयात्रा प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का रास्ता प्रशस्त करेगी।
कांगड़ा के बैजनाथ में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा, शिमला के बाद प्रदेश की सत्ता से भी बाहर होगी कांग्र्रेस। सांसद शांता कुमार ने कहा, सत्ता परिवर्तन के साथ खत्म होगी रथयात्रा।
मंडी संसदीय हलके यात्रा सेरी मंच से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर थे। उन्होंने कहा कि शिमला नगर निगम चुनाव ने संकेत दे दिए हैं कि भाजपा हिमाचल में 50 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
हमीरपुर संसदीय हलके की रथयात्रा श्री नयना देवी में शुरू हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने प्रदेश में ऐतिहासिक जीत का दावा किया और कहा कि लोग सरकार से तंग आ चुके हैं और परिवर्तन चाहते हैं। भाजपा के रूप में उनके पास बेहतर विकल्प मौजूद है। प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय ने कहा, वीरभद्र अपना जिला नहीं बचा पाए तो प्रदेश क्या बचाएंगे। शिमला नगर निगम की हार ने कांग्र्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया है।