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स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश पर रोक

सर्वोच्च न्यायालय ने एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 11:01 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 11:01 PM (IST)
स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश पर रोक
स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश पर रोक

राज्य ब्यूरो, शिमला : सर्वोच्च न्यायालय ने एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी है। एनजीटी ने 29 अक्टूबर 2018 को हिमाचल की सूखी खड्डों व नदियों से 100 मीटर की दूरी पर चल रहे स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश दिए थे। सर्वोच्च न्यायालय के दो जजों वाई डी चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने अपने आदेश में एनजीटी द्वारा जारी किए गए आदेश को तीन महीने तक के लिए स्टे कर दिया है।

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एनजीटी के आदेश के बाद हिमाचल में 250 से अधिक स्टोन क्रशर बंद हो गए थे। हिमाचल सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, महाधिवक्ता अशोक शर्मा व विकास महाजन ने पैरवी की। इस कारण प्रदेश के 250 से अधिक स्टोन क्रशर को बंद होने से रुकवा दिया। एनजीटी के आदेश के खिलाफ स्टोन क्रशर मालिक सर्वोच्च न्यायालय गए थे। उनकी अपील को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया था। प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करने की बात रखी। गत वीरवार को इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की गई। सोमवार को इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में दो जजों की बैंच में सुनवाई हुई। प्रदेश में सूखी खड्डों और नदियों के 100 मीटर के दायरे में 250 से अधिक स्टोन क्रशर हैं। हिमाचल सरकार ने दलील दी थी कि स्टोन क्रशर बंद होने से प्रदेश में विकास कार्य ठप हो जाएंगे। भवन निर्माण और अन्य कार्य भी प्रभावित होंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार की इस दलील को स्वीकार करते हुए एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने अपने आदेश में हिमाचल सरकार को एनजीटी में पक्ष रखने को कहा गया है।


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